सुभाष कुमार गौतम | घुमारवीं
सर्वांगीण विकास का दावा करने वाली वर्तमान हिमाचल की भाजपा सरकार कितनी संवेदनशील है इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के पंचायतों में पंचायत सचिवों के लगभग 790 पद खाली हैं, जिससे पंचायतों का कार्य प्रभावित हो रहा है। यह बात अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा पूर्व सीपीएस राजेश धर्मानी ने कही।
उन्होंने कहा कि हैरानी तो इस बात की है कि विकास की नींव रखने वाली पंचायत के प्रति सरकार संवेदनशील नहीं है। उन्होंने कहा कि उपरोक्त पद लंबे समय से खाली है, लेकिन की भर्ती प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि कई जिलों में 3 पंचायतों के लिए एक पंचायत सचिव नियुक्त किया है जिस कारण लोगों को समस्या उत्पन्न हो रही है। कई बार कई पंचायतों भौगोलिक दृष्टि से इतनी दूर दूर है कि लोगों के कई दिन इसी में गुजर जा रहे हैं कि उन्हें कोई भी प्रमाण पत्र लेना हो तो नहीं मिल रहा।
उन्होंने कहा कि पंचायत सचिव 3-3 पंचायतों का कार्यभार संभालने के कारण परेशान हो गए हैं और इससे अधिक परेशानी लोगों को हो रही है। क्योंकि आवश्यक प्रमाण पत्र भी नहीं बन पा रहे हैं और उनके बनने में महीनों लग रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए क्योंकि पंचायती राज संस्थाएं किसी भी क्षेत्र के विकास का मूलाधार होती हैं।