Gold price rally: आपको पता ही होगा सोना हमेशा से निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प रहा है, क्योंकि यह पोर्टफोलियो में विविधता लाता है। पिछले पांच सालों में, जब दुनिया में कई संकट और अनिश्चितताएं आईं, सोने ने सुरक्षित निवेश के रूप में अपनी अहमियत और बढ़ा ली है।
चाहे कोविड-19 महामारी, एशिया में बढ़ते तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध, और वैश्विक व्यापार विवादों जैसे कारणों से सोने की कीमतों में काफी उछाल आया है। जिससे सोने की कीमतें लगातार बढ रही है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, सोने की स्पॉट कीमत पिछले पांच वर्षों में लगभग 110% बढ़ी है, जो 3 जुलाई 2020 को 4,359 रुपये प्रति ग्राम थी और 1 जुलाई 2025 को बढ़कर 9,142 रुपये प्रति ग्राम हो गई। वहीं, 10 वर्षों में सोने की कीमत में 281% की वृद्धि हुई है, जो 2 जुलाई 2015 को 2,376 रुपये प्रति ग्राम थी।
सबसे रोचक बात यह है कि सोने की कीमतों में इस तेजी का लाभ न केवल भौतिक सोने के मालिकों को मिला, बल्कि डीमैट रूप में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) में निवेश करने वालों को भी हुआ है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) की वेबसाइट के आंकड़ों के मुताबिक, 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की दैनिक संपत्ति प्रबंधन (AUM) वाले आठ सबसे बड़े गोल्ड ETF ने पिछले एक साल में औसतन 34%, तीन साल में 23%, पांच साल में 14%, और 10 साल में 12.6% का वार्षिक रिटर्न दिया है।
प्रमुख गोल्ड ETF के 1 से 10 साल के रिटर्न

Gold price rally: गोल्ड ETF में कौन निवेश करे?
गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) सोने की कीमतों के अनुसार चलने वाला एक निवेश विकल्प है। यह म्यूचुअल फंड और शेयरों की तरह होता है, जिसे सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) नियमों के तहत चलाया जाता है। आप अपने डीमैट खाते से इसे शेयर बाजार में आम शेयरों की तरह खरीद या बेच सकते हैं।
गोल्ड ETF उन निवेशकों के लिए उपयोगी हैं जो भौतिक सोने को रखे बिना भविष्य में सोने की कीमतों में वृद्धि का लाभ उठाना चाहते हैं। भौतिक सोने के विपरीत, जिसमें भारी मेकिंग चार्ज और शुद्धता की समस्याएं होती हैं, गोल्ड ETF में बहुत कम व्यय अनुपात होता है। साथ ही, शुद्धता की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती।
निवेश से पहले ध्यान देने योग्य बातें
हालांकि गोल्ड ETF में निवेश करना शेयरों में निवेश जितना आसान है, लेकिन बाजार से जुड़े उत्पादों में निवेश और ट्रेडिंग के जोखिमों को समझना जरूरी है। सेबी-अनुमोदित निवेश सलाहकार से परामर्श करना बेहतर होगा। इसके अतिरिक्त, निवेश से पहले निम्नलिखित बातों पर विचार करना चाहिए:
- ट्रैकिंग एरर: यह दर्शाता है कि ETF कितनी बारीकी से सोने की कीमत को ट्रैक करता है। कम ट्रैकिंग एरर बेहतर फंड प्रबंधन को दर्शाता है।
- लिक्विडिटी: ETF की लिक्विडिटी को स्टॉक एक्सचेंज पर औसत दैनिक वॉल्यूम के जरिए जांचें। अधिक वॉल्यूम का मतलब है अधिक लिक्विडिटी, जिससे फंड को बेचना आसान और लागत-कुशल होता है। कम लिक्विडिटी वाले ETF को बेचने पर आपको छूट पर बेचना पड़ सकता है।
नोट :- यह विचार विशेषज्ञों के हैं और प्रजासता की राय नहीं हैं। यह जानकारी सिर्फ आपके ज्ञान के लिए है, इसे निवेश की सलाह न समझें।
नोट :- उपरोक्त दी गई सूचना केवल जानकारी के लिए हैं निवेश से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले ।
-
Fixed Deposit Interest Rate: ICICI और HDFC बैंकों ने ग्राहकों को दिया झटका, FD ब्याज दरों को किया कम..!
-
Fixed Deposit Highest Interest Rate : फिक्स्ड डिपॉजिट करने की सोच रहे हैं, तो ये बैंक दे रहे सबसे ज्यादा ब्याज, देखें पूरी लिस्ट
-
Google Pixel 11 Pro: एआई, कैमरा और इको-फ्रेंडली डिज़ाइन के साथ फ्लैगशिप स्मार्टफोन
-
Money Saving Tips : अपनाएं ये 8 तरीके होगी बचत ही बचत..!
-
Tax Saving Tips On FD Interest: FD पर TDS से बचने के उपाय, जानिए Form 15G और Form 15H का सही इस्तेमाल
-
Post Office Top 10 Savings Schemes: जानिए ज्यादा ब्याज देने वाली 10 पोस्ट ऑफिस योजनाएँ!