Friday, September 29, 2023

हिंदी दिवस: हिंदी भाषा का उद्गम और उसकी विकास गाथा

हिंदी वैदिक संस्कृति से लौकिक संस्कृत, लौकिक संस्कृत से प्राकृत, प्राकृत से पाली, पाली से अपभ्रंश और अपभ्रंश से भाषा के अनेक रूपों में रूपांतरित होती हुई आज की आधुनिक हिंदी भाषा के रूप में परिणत हुई है l परंतु हिंदी अपभ्रंश की अवस्था से प्राचीन हिंदी अवस्था को कब पहुंची, इस विषय में विद्वानों के विभिन्न मत है l कुछ विद्वान हिंदी का श्रीगणेश बौद्ध धर्म की बजरयानी शाखा के चौरासी सिद्धों के सिद्ध साहित्य से मानते हैं l इन सिद्धो ने अपने ग्रंथों की रचना प्राकृत भाषा में की, परंतु फिर भी उनमें कही न कहीं आज की हिंदी भाषा के अंकुर दिखाई देते हैं

l इस मत के अनुसार हिंदीभाषा का प्रारंभ ईशा की सातवीं शताब्दी में हुआ था l जनश्रुति के आधार पर हम कह सकते हैं की हिंदीभाषा का आरंभ काल ईशा की आठवीं शताब्दी माना है l जैन साहित्य के अपभ्रंश रचनाओं में भी हिंदीभाषा के पूर्व रूप के दर्शन होते हैं l आज अधिकतर विद्वान हिंदीभाषा का प्रारंभ ईसा की दसवीं शताब्दी से मानते हैं l हिंदी संस्कृत से प्राकृत एवंअपभ्रंश का रूप पार करती हुई आज की हिंदी के रूप में आई है l

इसलिए संस्कृत, प्राकृत अथवा अपभ्रंश की रचनाओं में उसके पूर्व रूप के दर्शन होने तो स्वाभाविक ही है परंतु आज की हिंदी के शिशु रूप के दर्शन सबसे पहले ईशा की दसवीं शताब्दी में आरंभ होने वाले वीर गाथा काव्य में होते हैं lवीर गाथा काव्य में *श्री दलपत विजय का ‘खुमान रासो ‘और श्री चंद्ररबरदाई का ‘पृथ्वीराज रासो’ प्रसिद्ध है l चंद्रबरदाई के पृथ्वीराज रासो को हिंदी का आदि महाकाव्य माना जाता है l हिंदी भाषा के इन प्रारंभिक कल में देश छोटे-छोटे राज्य में विभाजित था l तेरवीं शताब्दी में अमीर खुसरो ने इसी बोलचाल की भाषा में साहित्य की रचना की l उनकी रचनाओं में आज की खड़ी बोली के दर्शन होते हैं l

हिंदी की खड़ी बोली का जन्म उर्दू भाषा के जन्म से पहले हो गया था l यदि हम इतिहास के पन्नों पर दृष्टिपात करें तो हम यह पाते हैं कि1206 ईस्वी में भारत में मुस्लिम राज्य की स्थापना हुई और यही से सर्वप्रथम मुगल बादशाह बना l इससे अरबी और फारसी देश की राज्य भाषाऐँ बनी l गोस्वामी तुलसी दास, कबीर , जायसी , बिहारी, देव और भूषण आदि मुगल काल में ही हुए थे l लेकिन व्यवहार में हिंदी का प्रयोग उस समय कम होता जा रहा था l जितना होता था उसमें भी अरबी और फारसी के शब्दों की भरमार थी l इस भाषा ने एक नई भाषा को जन्म दिया जो आगे चलकर के उर्दू भाषा कहलाई और एक दिन यह आया कि उर्दू ही मुगल साम्राज्य की राजभाषा के पद पर आसीन हो गई l परंतु मुगलों के साम्राज्य के पतन के बाद भारत में अंग्रेजों का आगमन हुआ l अंग्रेजी विद्वान मैकाले का विचार था कि किसी देश पर राज्य करने के लिए उसकी संस्कृति को बदलना आवश्यक होता है l

अतः उसने भारतीय संस्कृति को नष्ट करने एवं देश में पाश्चात्य संस्कृति का प्रचार- प्रसार करने हेतु भाषा परिवर्तन की आवश्यकता पर बल दिया l इसके परिणाम स्वरूप हिंदी तथा उर्दू दोनों को पीछे धकेल कर अंग्रेजी को आगे लाया जाने लगा l अंग्रेजों को इस कार्य में सफलता भी मिली l उस समय सरकारी कामकाज में उर्दू का बोल बाला बड़ॉ रहा था और साहित्यिक क्षेत्र में हिंदीभाषा पनपती जा रही थी l कालांतर से उन्हें इस क्षेत्र में सफलता मिलनी प्रारंभ हो गई l बीसवीं शताब्दी के आरंभिक काल में राष्ट्रीय जागरण का प्रभाव था l क्या राजनीतिक क्षेत्र, क्या धार्मिक क्षेत्र , क्या सामाजिक क्षेत्र सभी क्षेत्रों में राष्ट्रीय जागृति की एक लहर दौड़ गई l लोकमान्य तिलक ने सिंह गर्जना की” स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है” और इस भाव को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए हिंदी भाषा ने अग्रणी भूमिका निभाई l

स्वामी दयानंद सरस्वती और राजमोहन राय ने हिंदी को ही धर्म प्रचार का साधन बनाया l पंडित श्रद्धा राम ने भी अपने सभी प्रचार ग्रंथ हिंदी में ही लिखे l इस प्रकार हिंदी का विकास तेजी से होने लगा परंतु सबके साथ-साथ हिंदी और उर्दू की एक नई भाषा खिचड़ी का प्रयोग भी बड़ा l लोगों ने इस खिचड़ी को हिंदुस्तानी भाषा की संज्ञा दी l कुछ राजनीतिक कारणों से अंग्रेजों ने इस हिंदुस्तानी भाषा( खिचड़ी ) को बड़ा महत्व दिया l भारतेंदु हरिश्चंद्र को यह बात अच्छी नहीं लगी और उन्होंने अनेक हिंदी साहित्यकारों के साथ जैसे प्रताप नारायण मिश्र, बालकृष्ण भट्ट तथा बद्री नारायण चौधरी आदि के साथ मिलकर के हिंदी भाषा को नया मोड़ दिया l भारतेंदु के पश्चात श्री महावीर प्रसाद द्विवेदी ने साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश किया l यह संस्कृत गर्भीत खड़ी बोली के पक्षपाती थे l मैथिली शरण गुप्त एवं जयशंकर प्रसाद जैसे साहित्यकारों ने नई हिंदी भाषा के प्रचार- प्रसार में अपनी अग्रणी भूमिका निभाई l राष्ट्रीय जागृति के इस युग में पत्र – पत्रिकाओं के प्रकाशन ने भी बड़ा जोर पकड़ा था l इनसे हिंदी के विकास में बड़ा योगदान मिला l इन पत्र- पत्रिकाओं ने न केवल हिंदी साहित्यकारों को जन्म दिया अपितु हिंदी प्रेमियों की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि की l

हिंदी चलचित्रों ने तो हिंदी को जनसाधारण तक पहुंचाने में बड़ा ही योगदान दिया है l भारतीय फिल्में न केवल भारत में प्रसिद्ध हुई अपितु विश्व के मानचित्र पर भी प्रसिद्ध होकर के इन्होंने हिंदी के प्रचार – प्रसार में अपनी उपयोगी भूमिका निभाई l हिंदी भाषा संपर्क भाषा के रूप में व्यापारिक क्षेत्र में वस्तुओं एवं विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए सशक्त माध्यम बनी एवं आज के सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में हिंदी संचार की भाषा बनने से पूरे विश्व मानचित्र के पटल पर अधिक प्रचारित एवं प्रसारित हुई है l

भारत के बहुत संख्या मे नागरिक अप्रवासी भारतीय के रूप में विश्व के सभी देशों में आज उन देशों के स्थाई निवासी बनाकर के वे अपनी राष्ट्रभाषा हिंदी को भी विदेशों में प्रसारित एवं प्रचारित कर रहे हैं l15 अगस्त 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ l हिंदी के महत्व को सभी ने स्वीकार किया और 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने संविधान के अनुच्छेद 343 ए के अंतर्गत केंद्र की राजभाषा के रूप में अंगीकार किया, क्योंकि उस समय संविधान सभा के सभी सदस्यों ने पूरे भारत का भ्रमण कर एवं भारत की सभी लोगों से मिलकर के यह पाया कि हिंदी पूरे भारत में सभी भारतीय भाषाओं में सबसे ज्यादा बोली और समझी जाने वाली भाषा है l इसी महत्व को समझ करके इसे मौखिक रूप से राष्ट्रभाषा का दर्ज प्रदान किया गया है l

उस समय संविधान सभा ने यह भी परिकल्पना की थी की 1965 तक यह पूरे भारत की राजकाज की भाषा हिंदी होगी और संपूर्ण भारत के स्कूलों में विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाने लगेगी, इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए अनेकों योजनाएं बनाई गई परंतु कुछ अपरिहार्य कारणों एवं परिस्थितियों से हमारी यह परिकल्पना अभी तक साकार नहीं हो पाई है l इसमें हमें बड़ी निराशा हुई है l मैं इस आलेख के माध्यम अपने देश की जनता और सरकार दोनों से विनम्र निवेदन करता हूं कि वे हिंदी के महत्व को समझें और उसके विकास एवं प्रचार – प्रसार में हम सभी अपनी सकारात्मक भूमिका सुनिश्चित करें lअब समय आ गया है कि हिंदी को एक दिवस विशेष ना मना करके इस भाषा को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाकर हिन्दी भाषा के प्रति अपनी कृतज्ञता एवं सम्मान व्यक्त करें l हम सभी भारतीयों को हिंदी भाषा के महत्व को समझ करके अपने क्षेत्रीय संकुचित दृष्टिकोण को त्याग करके विस्तृत दृष्टिकोण अपनाकर हिंदी का राष्ट्रभाषा के रूप में अंगीकार करना चाहिए l अंत में मैं अपने इस आलेख को इन चंद पंक्तियों के साथ विराम देना चाहूंगा l मन की भाषा, प्रेम की भाषा l. हिंदी है भारत जन की भाषा ll

  • हिमाचल की खबरें Twitter पर पढ़ने के लिए हमें Join करें Click Here
  • अपने शहर की और खबरें जानने के लिए Like करें हमारा Facebook Page Click Here

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है।

More Articles

dead body, Una News

Una News: ऊना में सड़क हादसों में दो की मौत, तीन घायल

0
ऊना | 28 सितम्बर Una News: ऊना जिले में गुरुवार को दो अलग-अलग सड़क हादसों में दो लोगों की मौत हो गयी, जबकि तीन अन्य घायल हो गए। ऊना पुलिस ने यह जानकारी दी।...
Chamba News: HRTC बस में सवार 2 लोगों से पकड़ी 663 ग्राम चरस

Chamba News: HRTC बस में सवार 2 लोगों से पकड़ी 663 ग्राम चरस

0
चम्बा | 28 सितम्बर Chamba News: चम्बा जिला के प्रवेश द्वार तुनुहट्टी में पुलिस ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस में सवार 2 लोगों से 663 ग्राम चरस बरामद की है। आरोपियों की...
उपमुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता का किया शुभारम्भ

उपमुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय ओपन बैडमिंटन प्रतियोगिता का किया शुभारम्भ

0
नवीन | कुमारहट्टी, 28 सितंबर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि, खेलों का जीवन में विशेष महत्व है। खेलों से शारीरिक विकास के साथ-साथ, मानसिक विकास भी होता है। व खिलाड़ियों में सद्भावना...
राहुल गांधी अब दिल्ली में फर्नीचर कारीगरों से मिलने पहुंचे

राहुल गांधी अब दिल्ली में फर्नीचर कारीगरों से मिलने पहुंचे

0
प्रजासत्ता नेशनल डेस्क | हाल ही में दिल्ली के आनंद विहार में रेलवे स्टेशन पर कुलियों से मिलने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बृहस्पतिवार को दिल्ली के कीर्तिनगर के फर्नीचर मार्केट पहुंचे और वहां...
Himachal Pradesh Police

हिमाचल पुलिस ने अवैध खनन के खिलाफ किए 12,500 से अधिक चालान, वसूला 8.19...

0
प्रजासत्ता ब्यूरो | 28 सितम्बर एक आधिकारिक बयान में बुधवार को कहा गया कि हिमाचल पुलिस (Himachal Pradesh Police) ने प्रदेश में अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पिछले 21 महीनों के दौरान...
solan news

Solan News: भारी वर्षा से हुए नुकसान का 29 सितम्बर को आकलन करेगा केंद्रीय...

1
सोलन |28 सितम्बर Solan News Update: केन्द्रीय अंतर मंत्रालय दल 29 सितम्बर, 2023 को सोलन ज़िला में भारी वर्षा के कारण प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर नुकसान का आकलन करेगा। यह जानकारी आज यहां...
Himachal Tourism Update

Himachal Tourism Update: पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है मनाली

0
कुल्लू | 28 सितम्बर Himachal Tourism Update: मनाली पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह जानकारी आज मनाली के विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने वॉल्वो बस से मनाली पहुचने पर दी ।उन्होंने...
Railway Recruitment 2023: Railway Jobs 2023 : युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी, रेलवे में निकली भर्तियां

Railway Recruitment 2023: भारतीय रेलवे में निकली बम्पर पदों पर भर्तियां

0
Railway Recruitment 2023: भारतीय रेलवे में शामिल होने का सपना देख रहे युवाओं के लिए बड़ी खबर है। रेवले रिक्रूटमेंट सेल (ईस्टर्न रेलवे) की ओर से अप्रेंटिसशिप के 3115 पदों पर भर्ती निकाली गयी...
HIMACHAL NEWS: मुख्यमंत्री ने यूएई के प्रवासी हिमाचलियों को निवेश के लिए किया आमंत्रित

HIMACHAL NEWS: मुख्यमंत्री ने यूएई के प्रवासी हिमाचलियों को निवेश के लिए किया आमंत्रित

2
शिमला | 28 सितम्बर HIMACHAL NEWS: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने संयुक्त अरब अमीरात (यू.ए.ई.) में प्रवासी हिमाचलियांे को पर्यटन, हरित हाइड्रोजन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रौद्योगिकी और सौर ऊर्जा सहित विभिन्न हरित क्षेत्रों...
Solan News

Solan News: अनियंत्रित होकर गहरी खाई में गिरी कार, एक की मौत

1
सोलन | 28 सितम्बर शामती-शमलेच बाईपास पर एक कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जा गिरी। हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। हादसा देर रात का बताया जा रहा है। स्थानीय...
- Advertisement -

Popular Articles

error: Content is protected !!
Jawan Movie Collection Reviews Aditya-L1 Mission : सफलता पूर्वक लॉन्च सामंथा और विजय की कुशी मूवी की समीक्षा आ गया शाहरुख खान की फिल्म ‘जवान’ का ट्रेलर शिमला के पर्यटक स्थल