मंडी|
मंडी और बिलासपुर जिले की सीमा पर बने 800 मेगावाट क्षमता के एनटीपीसी के कोल बांध के जलाशय में 10 लोगों को रात 3 बजे सुरक्षित निकाला गया। इनमें से 5 वन विभाग के कर्मचारी और पांच स्थानीय लोग थे। हालांकि अंधेरा होने की वजह से फंसे लोगों तक पहुंचने में राहत टीम को दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

बताया जा रहा है कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी स्थानीय लोगों के साथ मोटर बोट पर सतलुज नदी में बहकर आई एक लकड़ी का जायजा लेने गए थे और वापसी पर मोटर बोट के नीचे अचानक लकड़ी फंस गई। इसकी वजह से मोटर बोट जलाशय के बीच में अटक गई थी।
मोटर बोट पर सवार अधिकारियों ने इसकी सूचना एनटीपीसी प्रबंधन और प्रशासन को दी। सूचना मिलते ही प्रशासन ने सलापड़ से एनडीआरएफ की टीम मौके के लिए रवाना कर दी थी। इसके बाद राहत एवं बचाव कार्य किया गया। इसके बाद रात 3 बजे सभी को सुरक्षित निकाला गया।
कर्मचारियों की पहचान बहादुर सिंह,भूपेश ठाकुर, रूप सिंह, बाबूराम और अंगद कुमार के रूप मेंहुई है। जबकि अन्य पांच स्थानीय लोगों की पहचान नैन सिंह, डागू राम, हेम राज, बुद्धि सिंह और धर्मेंद्र के तौर पर हुई है। वहीं, डैम में फंसे इन लोगों के कुछ वीडियो भी सामने आए हैं जिसमे वह मदद की गुहार लगा रहे थे।
उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी ने बताया कि बताया कि बारिश और मुश्किल हालात के बीच इन सभी
लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया गया है। इस दौरान वह खुद मौके पर मौजूद रहे। उन्होंने रेस्क्यू टीम की इसके लिए तारीफ की।
