प्रजासत्ता ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश में तीन दिन से भारी बारिश ने कहर बरपाया है। इससे पिछले 48 घंटे में लैंडस्लाइड, बादल फटने और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 55 लोगों की जान चली गई। प्रदेश में मौत का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि करीब डेढ़ दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है।


बता दें कि राजधानी शिमला के समरहिल में सोमवार की सुबह हुए भूस्खलन के कारण निचली ओर बने शिवमंदिर और ढारे मलबे में दब गए। सोमवार को आठ शव निकाले गए। मंगलवार को फिर एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया। मंगलवार सुबह को तीन और शवों को निकाल लिया गया है। अभी तक 11 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। मौके पर रेस्क्यू चल हुआ है।
तेजी से चल रहा राहत-बचाव का कार्य
जिला प्रशासन की ओर टीम सुबह ही मौके पर पहुंच गई थी और इस काम को शुरू कर दिया था। अब इस ऑपरेशन में स्थानीय लोग भी पूरी तरह से जुट गए हैं। अवकाश होने के कारण समरहिल चली से लेकर आसपास क्षेत्रों के सभी लोग इस पूरे बचाव कार्य में जुटे हुए हैं और अपनों को मलबे से निकालने के लिए पसीना बहा रहे हैं। लापता लोगों के परिजन लगातार उनके मिलने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मालवा ज्यादा होने के कारण इन्हें तलाशना काफी मुश्किल हो रहा है।

