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सरकार ने ब्यास व इसकी सहायक नदियों में स्टोन क्रशर के संचालन पर लगाई रोक

CM directs to ensure execution of flagship schemes and announcements

शिमला|
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां कहा कि राज्य सरकार ने ब्यास नदी बेसिन और उसकी सहायक नदियों में स्टोन क्रशर के प्रयोग को तुरंत प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बरसात के दौरान मौजूदा परिस्थितियों और कांगड़ा जिले में चक्की नदी सहित कुल्लू, मंडी, कांगड़ा और हमीरपुर जिलों में ब्यास और इसकी सहायक नदियों में पारिस्थितिकी के खतरनाक परिवर्तन को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।

इस निर्णय के अनुसार अगले आदेश तक बारहमासी और गैर-बारहमासी दोनों नालों के सभी स्टोन क्रशर के संचालन को बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत राज्य की नाजुक पारिस्थितिकी और पर्यावरण को संरक्षित करने, बस्तियों और बुनियादी ढांचे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया है। हालांकि, वैध खनन के लिए जारी को रद्द नहीं किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि मौजूदा कैप्टिव और अस्थायी स्टोन क्रशर इस आदेश के दायरे में नहीं आएंगे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा जलवायु परिवर्तन विभाग को इस प्रकार की विनाशकारी स्थिति उत्पन्न करने वाले कारकों की पहचान करने के लिए आई.आई.टी., एन.आई.टी., अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और विश्वविद्यालयों के विशेषज्ञों से तुरंत उच्च स्तरीय विशेषज्ञ परामर्श लेने के निर्देश दिए गए हैं।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विभाग अवैज्ञानिक और अवैध खनन गतिविधियों के संचयी प्रभाव के मूल्यांकन के लिए एक बहु क्षेत्रीय विशेषज्ञ समिति का गठन करके एक व्यापक वैज्ञानिक अध्ययन भी करेगा। इस अध्ययन के निष्कर्ष के आधार पर दूरी से संबंधित परिसीमाएं फिर से परिभाषित की जाएंगी ताकि नदियों के समीप पर्यावरण को संरक्षित करने और राज्य में अन्य ऐसी किसी भी मानवजनित आपदा से बचने के लिए ऐसे कार्यों का विनियमन और प्रबंधन सुनिश्चित हो सके।

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