Google News Preferred Source
साइड स्क्रोल मेनू

सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद हिमाचल लोक निर्माण विभाग ने 82 जेई किए बर्खास्त

सुप्रीम कोर्ट भवन

शिमला|
हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने जनवरी 2020 में लगे 82 कनिष्ठ अभियंताओं को शनिवार को बर्खास्त करने के आदेश जारी कर दिए। बता दें कि डिग्रीधारकों के हितों की अनदेखी कर डिप्लोमा धारकों की भर्ती करने के मामले में सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुनाया है। इसके बाद लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता (ईएनसी) डीएस दहल ने शनिवार को टर्मिनेशन आर्डर जारी किए।

दरअसल जूनियर इंजीनियर (कनिष्ठ अभियंता) की भर्ती हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर ने 2019 में की थी। उस समय डिग्रीधारकों को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। उन्हेंं नियुक्ति के लिए पात्र नहीं माना गया था। कर्मचारी चयन आयोग ने इन्हें अपात्र घोषित किया था। ऐसे में कनिष्ठ अभियंता के 82 पदों पर डिप्लोमा धारकों का चयन हो गया।

इसे भी पढ़ें:  Vimal Negi Case: विमल नेगी मौत मामले में पहली गिरफ्तारी, सीबीआई ने एएसआई पंकज को किया गिरफ्तार

इसके बाद डिग्रीधारकों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में डिग्रीधारकों को पात्र माना। हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से जेई के पदों के लिए पात्र डिग्री धारकों को राहत मिली है।पहले हाईकोर्ट से फैसला इनके पक्ष में आया और बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था।

इस फैंसले के बाद राज्य कर्मचारी चयन आयोग के निर्देश अनुसार विभाग ने इनकी बर्खास्तगी के साथ ही 122 नए कनिष्ठ अभियंताओं को नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए है। बता दें कि कर्मचारी चयन आयोग ने पहली बार ऐसी व्यवस्था की थी, जिसमें डिग्री धारकों जैसे बीटेक और एमटेक को जेई के पदों पर नियुक्ति के लिए योग्य नहीं माना था। बाहर किए अभ्यर्थी हाईकोर्ट पहुंचे। हाईकोर्ट से इनके पक्ष में फैसला आया

इसे भी पढ़ें:  Himachal High Court की पर्यटन निगम को चेतावनी, आदेश पालन न हुआ तो संपत्ति कुर्की के निर्देश संभव

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन सुनिश्चित किया गया है। कर्मचारी चयन आयोग से संशोधित सूची के अनुसार 2019 में नियुक्त 82 जेई को टर्मिनेट कर दिया गया है । अब वे सरकारी सेवा में नहीं रहेंगे। इनकी जगह अन्य का चयन होगा।
-डीएस दहल, ईएनसी, लोक निर्माण विभाग।

संस्थापक, प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया प्रजासत्ता पाठकों और शुभचिंतको के स्वैच्छिक सहयोग से हर उस मुद्दे को बिना पक्षपात के उठाने की कोशिश करता है, जो बेहद महत्वपूर्ण हैं और जिन्हें मुख्यधारा की मीडिया नज़रंदाज़ करती रही है। पिछलें 9 वर्षों से प्रजासत्ता डिजिटल मीडिया संस्थान ने लोगों के बीच में अपनी अलग छाप बनाने का काम किया है।

Join WhatsApp

Join Now

Leave a Comment