शिमला ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के लगभग 12 हजार कर्मचारियों को गुरुवार को सैलरी मिल गई। राज्य सरकार ने बीते कल ही इनके वेतन के लिए 67 करोड़ रुपए जारी किए थे। मगर, परिवहन निगम के पेंशनर को पेंशन के लिए दो से तीन दिन का इंतजार करना पड़ेगा। कर्मचारियों के वेतन में देरी के चलते सरकार की खूब किरकिरी हुई। इस बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का बयान सामने आया है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने एचआरटीसी कर्मियों के ओवर टाइम और रात्रि भत्ते के लगभग 80 करोड़ का भुगतान नहीं किया। इन्हें नए वेतनमान का एरियर भी नहीं दिया। उन्होंने सत्ता में आते ही एचआरटीसी कर्मचारियों को ओवर टाइम और रात्रि भत्ते के 4.50 करोड़ रुपए जारी किए। गुरुवार को सैलरी भी दे दी गई है। उन्होंने विपक्ष पर कांग्रेस सरकार को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि सालों से हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों को हर महीने की 15 तारीख के बाद ही तनख्वाह मिलती आई है।
उल्लेखनीय है कि पूरे देश में एचआरटीसी कर्मियों की सैलरी को राजनीति और बहस छिड़ गई है। विपक्षी भाजपाइसे कांग्रेस की गारंटियों से जोड़कर अर्थव्यवस्था को खोखला करने से जोड़कर देख रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जनता के हितों को भूलने का आरोप लगाते हुए कहा कि 6 बोर्ड-निगमों में कर्मचारियों को सैलरी नहीं दी रही है। लोग आंदोलन की धमकी दे रहे हैं। सत्ता के अहंकार में चूर सरकार को इतना भी समझ नहीं आया कि इन कर्मचारियों के परिवारों का क्या होगा।
लेकिन यह तो केवल राजनीतिक बयानबाजी है। सच्चाई यह है कि पूर्व भाजपा सरकार में भी एचआरटीसी कर्मचारी को अनेकों बार सैलरी मिलने में देरी हुई है, ओवर टाइम, रात्रि भत्ता व नए वेतनमान के एरियर के लिए कर्मचारी सड़कों पर उतरे हैं।