शिमला|
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। आपदा से लगभग 10000 करोड़ रुपए का अनुमानित नुकसान हुआ है। इन कठिन चुनौतियों के बावजूद प्रदेश सरकार उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग करके प्रभावित व्यक्तियों को मुआवजा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार फसलों को हुए नुकसान की भी बरपाई करेगी। इसके लिए राहत नियमों में बदलाव किया जाएगा। किसान को अपनी फसल से बहुत बड़ी उम्मीद होती है और इस आपदा में किसान व बागबानों को भारी नुकसान हुआ है, जिसकी कुछ हद तक भरपाई सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को मंडी जिला के सरकाघाट विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि केंद्र ने हिमाचल की इस आपदा में कोई मदद नहीं की है। जो हिमाचल प्रदेश का हक था, वह ही मिला है। इसके अलावा कोई वित्तीय सहायता केंद्र से अब तक नहीं आई है।
वहीं, गुरुवार को उन्होंने मतैहड़ी, बलद्वाड़ा तथा जुकैण क्षेत्र में पहुंचकर प्रभावित लोगों से संवाद किया और राज्य सरकार की ओर से उन्हें हर संभव मदद के प्रति आश्वस्त किया। सीएम ने सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को हुए नुकसान के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक आपदा से सीधे प्रभावित ग्राम पंचायत गैहरा के 23 प्रभावित परिवारों से भी संवाद किया और इनमें से प्रत्येक परिवार को एक-एक लाख रुपए प्रदान करने की घोषणा की। सवालों के जवाब में
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की अंतरिम राहत की पहली किस्त अभी लंबित है। इस अवसर पर विधायक चंद्रशेखर, सुरेश कुमार व दिलीप ठाकुर, पूर्व विधायक कर्नल इंद्र सिंह और रंगीला राम राव, कांगड़ा सहकारी प्राथमिक कृषि और ग्रामीण विकास बैंक के अध्यक्ष राम चंद्र पठानिया, एपीएमसी मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, उपायुक्त अरिंदम चौधरी, पुलिस अधीक्षक सौम्या साम्बशिवन, अधिवक्ता विनय कानव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।