प्रजासत्ता|
हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र बुधवार 23 फरवरी यानि कल से शुरू हो रहा है। चुनावी साल में यह सत्र हंगामेदार रहने के आसार हैं। महंगाई, बेरोजगारी, सड़कों की खस्ता-हालत, आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण, जहरीली शराब, कोरोना काल में सरकार का कुप्रबंध, फिजूलखर्ची, खाद की कमी, महंगे कीटनाशक, कानून व्यवस्था और बढ़ता कर्ज जैसे मुद्दे को लेकर सदन में नोक-झोंक देखने को मिल सकती है। विपक्ष इन मसलों पर सरकार को निशाने पर रखेगा।
बजट सत्र से पहले आज विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है। इसमें कांग्रेस, भाजपा, माकपा और निर्दलीय विधायक भी मौजूद रहेंगे। वहीं सत्तापक्ष और विपक्ष आज होने वाली दोनों पार्टियों की विधायक दल की बैठक में एक दूसरे को घेरने की रणनीति बनाएंगी। भाजपा विधायक दल की बैठक पीटरहॉफ में शाम 7 बजे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में बुलाई गई है, जबकि कांग्रेस विधायक दल की बैठक होली-डे होम में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में होगी।
बता दें कि 23 फरवरी से शुरू हो रहे हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण से होगी। इसमें 16 बैठकें रखी गई हैं। 4 मार्च को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर वित्त वर्ष 2022-23 का बजट विधानसभा के पटल पर प्रस्तुत करेंगे। मौजूदा सरकार का यह आखिरी व 5वां बजट है।
बजट सत्र को लेकर विधानसभा में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है। पुलिस के अलावा बटालियन से भी जवान बुलाए गए हैं। बीते साल बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के घेराव से उत्पन्न हुए हालातों को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गई है। विधानसभा परिसर पर ड्रोन से भी नजर रखी जाएगी। राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा के दौरान भी विपक्ष सरकार को घेरेगा।
वहीं बजट सत्र के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियां चुनाव मोड पर आ जाएंगी, क्योंकि अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने है। इससे पहले अप्रैल-मई में शिमला नगर निगम के चुनाव तय हैं। इसलिए बजट सत्र में कांग्रेस का रुख आक्रामक रहने वाला है। वहीं सत्तारूढ़ भाजपा भी विपक्ष के हर सवाल का माकूल जवाब देने को तैयार है।