प्रजासत्ता|
बरोटीवाला-पट्टा-कुठाड़-कुनिहार-अर्की व शालाघाट राज्य मार्ग के नेशनल हाईवे होने की उम्मीद रखने वालों को सरकार की तरफ से बड़ा झटका लगा है। कहाँ इन क्षेत्रों के लोग नेशनल हाईवे का काम शुरू होने की उम्मीद लगाए बैठे थे तो वहीँ इसका दर्जा राजमार्ग से घटा कर एम.डी.आर. यानि (मेजर डिस्टिक रोड़) कर दिया गया है। शालाघाट से अर्की कुनिहार, कुठाड़ और पट्टा होते हुए बरोटीवाला तक 83 किलोमीटर लंबा यह सडक मार्ग डबल लेन बनना था। जिसके लिए सरकार ने लाखों खर्च कर इसका सर्वे भी करवाया, लेकिन वह केवल जनता के पैसों की बर्बादी ही हुई|
वहीँ इस मुद्दे पर दून युवा कांग्रेस के अध्यक्ष प्रजव्वल गुप्ता ने कहा कि यूं तो प्रदेश सरकार नित्य विकास के बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन यदि सड़कों की बात की जाए तो भाजपा के केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा की गई घोषणाएं भी सिरे नही चढ़ी है, प्रज्वल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बरोटीवाला,पट्टा, कुठाड़,कुनिहार,अर्की व शालाघाट स्टेट हाई वे 9 का दर्जा घटाकर इसे एम.डी.आर.(मेजर डिस्टिक रोड़) कर दिया है जो कि निंदनीय है।
उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री ने जो जिला सोलन की सड़कों को लेकर झूठी घोषणाएं की थी, युवा कांग्रेस आगामी चुनाव में उसे जनता के समक्ष मुद्दा बनाएगी, तथा शीघ्र ही दून युवा कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को लेकर एस.डी.एम के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। बता दें कि केंद्रीय भूतल परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय ने हिमाचल के सोलन जिला के लिए प्रस्तावित राष्ट्रीय उच्च मार्ग बरोटीवाला पट्टा-कुठाड़-कुनिहार-अर्की -शालाघाट्ट के निर्माण से अब हाथ पीछे खींच लिए है व वर्तमान में इसके एन.एच. बनने की संभावनाएं क्षीण होती जा रही है। यह राज्य उच्च मार्ग संख्या 9 एसऐकेबी (शालाघाट्ट-अर्की-कुनिहार-बरोटीवाला) के नाम से जाना जाता है । विभाग की ओर से वर्ष 2018 में केंद्र को भेजे गए 69 प्रस्ताव में यह सड़क भी शामिल थी, वहीं केंद्रीय भूतल परिवहन एंव राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भी इस सड़क को एन.एच.(डबल लेन) में बदलने का आश्वासन दिया था।
जानकारी के अनुसार सरकार की घोषणा के बाद विभाग ने अगले निर्माण सम्बन्धी कार्यों के लिए कन्सलटेंट भी नियुक्त कर दिए थे, वहीं इस सड़क पर ट्रैफिक सेन्सस गुणवत्ता भी पर्याप्त पाई गई थी । विशेषज्ञों ने एक निर्धारित समय मे इस सड़क की अलाइनमेंट बनाकर अपनी रिपोर्ट भी प्रस्तुत कर दी थी। विशेषज्ञों के अनुसार 80 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर एक बड़ा पुल,10 छोटे पुल व आवश्यकता पड़ने पर दो सुरंगे बनाया जाना प्रस्तावित था ।
इसकी सर्वे रिपोर्ट तैयार होने के बाद राष्ट्रीय राज मार्ग विभाग के बड़े अधिकारियों, प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने क्षेत्र के लोगों के साथ बैठक कर इस सड़क को और अधिक बेहतर बनाने के लिए सुझाव मांगे थे ,वहीं लोगों को भी इसे एन,एच,का दर्जा मिलने की उम्मीद बंध गई थी। हालांकि विभाग ने लाखों रुपये इसके सर्वे व कंस्लटेंसी पर खर्च कर दिया है लेकिन अब विभाग ने इस सड़क का दर्जा घटाकर इसे मेजर डिस्टिक रोड़ की श्रेणी में डाल दिया है जिससे इस सड़क पर संशय बरकरार है । वही विभागीय अधिकारी भी यह मान रहे है कि यह उनकी समझ से परे है।
औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की वजह से इस सड़क पर ट्रैफिक दिनों दिन बढ़ता जा रहा है तथा इसके सिंगल होने के कारण आये दिन कोई न कोई घटना घटित होती रहती है। राष्ट्रीय उच्च मार्ग बन जाने से सीमावर्ती जिले किन्नौर के साथ लगते चीन बार्डर कौरिक तक आल वेदर रोड बन सकता था ,क्योंकि बर्फबारी के दौरान शिमला जिला के नारकंडा में काफी दिनों तक सड़क बंद हो जाती है। चूंकि शालाघाट से वाया बसन्तपुर रामपुर आल वेदर रोड बन जाने से चंडी मंदिर व अम्बाला से बार्डर तक आर्मी व रशद पहुचानें के लिये वर्ष भर आल वेदर सुविधा मिल सकती थी। इसके अतिरिक्त उतरी भारत के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल जोहड़जी व हरीपुर साहिब आने वाले श्रद्धालुओं के इलावा बनलगी की हर्बल मंडी व कोल्ड स्टोर के लिए बड़े ट्राले के आवागमन में सुविधा जनक है।
यूकां अध्यक्ष प्रज्वल गुप्ता ने हिमाचल के मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व दून क्षेत्र के विधायक परमजीत सिंह पम्मी से मांग की है कि प्रदेश की भौगोलिक स्थिति व राष्ट्रीय महत्व के मद्देनजर इस सड़क को एम.डी.आर.(मेजर डिस्टिक रोड़) की श्रेणी से हटाकर पुन राष्ट्रीय उच्च मार्ग में परिवर्तित किया जाए।
वहीँ इस सम्बंध में लोक निर्माण मंडल कसौली के अधिशासी अभियंता मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि स्डकों का दर्जा बढ़ाना या घटाना यह सरकार का निर्णय है। फिर भी इसके महत्व व जरूरत को देखते हुए लोगों की मांग जायज है। सरकार को इसे एन.एच. बनाने के लिए फिर से पुनर्विचार करना चाहिए।