शिमला ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न विभागों में 70 हजार पद रिक्त हैं और कुल 3 लाख स्वीकृत पद हैं। । यह जानकारी उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान ने सोमवार को दी। बता दें कि सोमवार को राज्य सचिवालय में कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई। उद्योग मंत्री हर्षवर्द्धन चौहान की अध्यक्षता में मंत्री जगत सिंह नेगी और रोहित ठाकुर ने रोजगार के अवसर तैयार करने के लिए मंथन किया गया। बैठक में फैसला लिया गया कि सबसे पहले शिक्षा विभाग में रिक्त पद भरे जाएंगे क्योंकि इसी विभाग में सबसे अधिक पद खाली चल रहे हैं।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों मे 70 हज़ार पद खाली चल रहे हैं और प्रदेश में कुल 3 लाख स्वीकृत पद हैं। सबसे अधिक पद शिक्षा विभाग में खाली है। कल फिर से साढ़े दस बजे शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई है। शिक्षा सचिव और विधि सचिव को बैठक में बुलाया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट कैबिनेट में जाएगी। सबसे पहले शिक्षा विभाग में ही खाली पदों को भरा जाएगा, ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो। शिक्षा विभाग में 1 लाख 12 हज़ार स्वीकृत पद हैं, जिसमें से 20 हज़ार से ज़्यादा खाली हैं। इसलिए सबसे पहले शिक्षा विभाग में पद भरने के लिए नीति बनाई जाएगी।
हर्षवर्द्धन चौहान ने बताया कि लोक सेवा आयोग की भर्ती प्रक्रिया बहुत धीमी है। लोक सेवा आयोग साल में औसत 450 से 500 पदों पर ही भर्ती कर पाता है। विज्ञापन जारी होने, लिखित परीक्षा और उसके बाद इंटरव्यू करवाने में काफी समय लग जाता है। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग साल में औसत 3,000 पदों पर भर्ती करता है। ऐसे में दोनों भर्ती एजेंसियां के जरिये सालभर में 3500 से ज्यादा पद नहीं भरे जा पा रहे हैं। कैबिनेट सब कमेटी ने विचार किया है कि इस प्रक्रिया को स्पीड-अप कैसे किया जाए। चौहान ने कहा कि लोक सेवा आयोग ( HPPSC) की ओर से पिछले पांच साल में 2 हज़ार 375 पद भरे गए जबकि हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा इसी पीरियड में 15,707 पद भरे गए हैं। उन्होंने कहा कि भर्ती प्रोसेस की स्पीड अप किया जाना है।