
पालमपुर।
सेम सेक्स यानि कि समलिंगी विवाह को कानूनन दर्जा देने की याचिका पर लगातार विरोध हो रहा है । पालमपुर से समाजसेवी व अधिवक्ता नीलम जरियाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति और शास्त्रो के अनुसार विवाह ना सिर्फ़ दो आत्माओ का मिलन होता है अपितु दो परिवारो का भी मिलन होता है जिससे समाजिक व्यवस्था व सम्बन्ध बनते है।
ऐसे में अगर समलिंगी विवाह को मान्यता मिलती है तो इससे भारतीय संस्कृति और विवाह जैसे श्रेष्ठ धर्म संस्थान का पतन हो जायेगा और इससे मानव जीवन के हर क्षेत्र में समस्याये उत्पन्न होगी । नीलम ने कहा कि पश्चिमी सभ्यता और भारतीय सभ्यता में बहुत अंतर है और ऐसे में पश्चिमी विचारधारा को भारतीय परिपेक्ष में थोपना गलत साबित होगा।

