-नियुक्तियां रद्द करने की मांग को एस डी एम को सौंपा ज्ञापन
◆ प्रदेश सरकार द्वारा ज्वालामुखी मंदिर में मनोनीत ट्रस्टीयों का मांगा इस्तीफा
प्रजासत्ता।ज्वालामुखी
विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में गैर हिन्दू समुदाय के कर्मियों को स्थाई नियुक्ति देने पर बवाल मचना शुरू हो गया है। इसी के चलते हिमगिरी हिंदू महासभा पंजीकृत के प्रदेश सचिव किशन शर्मा ने एसडीएम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा को यह नियुक्तियां रद्द करने को ज्ञापन सौंपा।
हिमगिरी हिंदू महासभा के प्रदेश सचिव किशन शर्मा ने बताया कि हिंदू मंदिर श्री ज्वालामुखी में 32 वर्षों से कार्यरत कर्मीयों को स्थायी नियुक्ति से दरकिनार कर मुस्लिम समुदाय के दो कर्मीयों को स्थायी निुयक्ति दी जा रही है इसे निरस्त करने हेतू ज्ञापन सौंपा गया है। हिमगिरी हिंदू महासभा के ध्यान में आया है कि हिंदू शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी मंदिर में 32 वर्षों से कार्यरत श्री रामेश्वर अस्थायी नियुक्ति 01.01.1989, विधि चंद अस्थायी नियुक्ति वर्ष 2000, संदीप अस्थायी नियुक्ति वर्ष 2006 को दरकिनार करते हुए, तीन वर्ष पूर्व मंदिर ज्वालामुखी में अस्थायी रुप से कार्य कर रहे मुस्लिम समुदाय के दो कर्मीयों शकीन मौहममद, जश्नदीन को बतौर लंगर सेवादार स्थायी नियुक्ति दी जा रही है। जो कि हिंदूओं के साथ अन्याय है जो कि पिछले 32 वर्षों से मंदिर में अस्थायी रुप से सेवाऐें दे रहे हैं उन्हे आज दिन तक अस्थायी ही रखा गया है।
हिंदू मंदिर में इतिहास में पहली बार मुस्लिम समुदाय से संबधित कर्मीयों को बतौर लंगर सेवादार के पद पर नियुक्ति दी जा रही है जो कि हिंदू जनभावनाओं के साथ खिलवाड है। यदि इस नियुक्ति को निरस्त नही किया गया तो महासभा प्रदेश व्यापी आंदोलन इस विषय को लेकर करेगी। हिंदू मंदिर में रखे गए इन मुस्लिमों की डयूटी कोरोना काल में शक्तिपीठ मंदिर द्वारा संचालित मातृ सदन में लगाई गई थी और पूर्णतय: मातृसदन मंदिर बंद होने के चलते बद ही रहा कोई भी आगंतुक नही आया। लेकिन मातृसदन का बिजली का बिल कई गुणा अधिक हजारों रुपए में आ गया यह भी बडा सवाल है कि मुस्लिम कर्मीयों की जंहा डयूटी लगाई गई वहां पर गडबडी हुई। मातृसदन में जानकारी के मुताबिक मंदिर के लंगर से सिलेंडर भी लगाया गया जबकि मातृसदन में कोई भी सिलेंडर मंदिर के निमयानुसार नही लग सकता। हिंदू मंदिर श्री ज्वालामुखी शक्तिपीठ करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र हैं। और यहां पर बतौर लंगर सेवादार मुस्लिम कर्मी प्रशासन द्वारा रखे जानबूझकर रखे गए ताकि हिंदूओं की आस्था को करारी चोट पंहुचे। हिंदू मंदिर में मुस्लिम समुदाय से कर्मीयों के जुड जाने ने भविष्य में हिंदू मुस्लिम समुदायों में जोरदार टकराव का कारण भी बन सकता है जिसका जिममेदार भी प्रशासन होगा।
हिंदू शक्तिपीठ में जनभावनाओं को दरकिनार करने का षडयंत्र प्रशासन की आंखो के सामने हुआ है ऐसे में इस मामले की उच्च स्तरीय जाच की जाए व दोषीयों के खिलाफ हिमगिरी हिंदू महासभा सखत कार्यवाही की मांग करते हुए प्रशासन को कहना चाहती है कि करोड़ों हिंदू ओं की आस्था के केन्द्र ज्वालामुखी शक्तिपीठ में की गई इन नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से निर्सत किया जाए नही तो देश व्यापी आंदोलन चलाया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार द्वारा ज्वालामुखी मंदिर में मनोनीत ट्रस्टियो के इस्तीफे की मांग करते हैं।
फ़ोटो कैप्शन: हिंदू मंदिर शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी में गैर हिंदू समुदाय के लोगों को स्थाई नियुक्ति के विरोध में हिमगिरी हिंदू महासभा प्रदेश सचिव किशन शर्मा एसडीम ज्वालामुखी अंकुश शर्मा को तत्काल प्रभाव से इन नियुक्तियों को रद्द करने के लिए ज्ञापन सौंपते हुए।