मंडी।
चरस तस्करी के एक मामले में दोषी पाए जाने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायालय सुंदरनगर ने सोमवार को तीन दोषियों को 12-12 साल के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। वहीं जुर्माना न भरने की सूरत में कोर्ट ने दोषियों को 6 महीने की अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
उप जिला दंडाधिकारी सुंदरनगर विनय वर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायालय सुंदरनगर पंकज शर्मा की अदालत में विचाराधीन मामले में दोषी कुलदीप कौशिक निवासी बसंत बिहार लाधित रोड रोहतक हरियाणा, लतिल उर्फ शिव नाथ निवासी गैसवाला तहसील सदर गोहाना जिला सोनीपत हरियाणा और प्रेम सिंह गांव फगवाना तहसील सैंज जिला कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 और 29 के तहत 12-12 साल के कठोर कारावास और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
उप जिला दंडाधिकारी सुंदरनगर विनय वर्मा ने बताया कि वर्ष 2019 में पुलिस थाना सुंदरनगर की टीम राष्ट्रीय राजमार्ग-21 चंडीगढ़-मनाली पर स्थित पुंघ में मौजूद थी। इसी दौरान सुंदरनगर की ओर से आ रही पंजाब रोडवेज की बस नंबर पीबी.65.एडी.1201 की चेकिंग के दौरान दोषी कुलदीप कौशिक के पीयू बैग से 2.369 किलोग्राम चरस बरामद हुई।
इस पर पुलिस थाना सुंदरनगर द्वारा एनडीपीएस एक्ट की धारा 20 के तहत एफआईआर दर्ज की गई। उप जिला दंडाधिकारी सुंदरनगर विनय वर्मा ने बताया कि पुलिस द्वारा मामले की जांच के दौरान पाया गया कि आरोपी कुलदीप कौशिक और ललित उर्फ शिव नाथ को प्रेम सिंह ने भुंतर के रोपा से खरीदा था। उप जिला दंडाधिकारी सुंदरनगर विनय वर्मा ने बताया कि पुलिस ने अपराधियों की कॉल डिटेल और लोकेशन खंगालने के बाद इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाहों के बयान अदालत में दर्ज करवाने के बाद दोनों पक्षों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश सुंदरनगर की अदालत ने आरोपी कुलदीप कौशिक, ललित उर्फ शिव नाथ और प्रेम सिंह को 12 साल के कठोर कारावास और 50,000 जुर्माने की सजा सुनाई है। उप जिला न्यायवादी ने बताया कि जुर्माना न देने पर छह माह की सजा भी काटनी होगी।