प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
केंद्र सरकार ने लव जिहाद पर नकेल कसने की पूरी तैयारी कर ली है, इसके साथ ही धोखा देकर यौन संबंध बनाने वालों की भी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। बच्चियों को रेप का शिकार बनाने वालों पर भी शिकंजा कसने जा रहा है। दरअसल शुक्रवार को मानसून सत्र जे दौरान एक विधेयक पेश किया गया, जिसमें इन अपराधों से निपटने के लिए पहली बार एक विशिष्ट प्रावधान का प्रस्ताव किया गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को लोकसभा में विधेयक पेश किया है, इनमें पहचान छिपाकर शादी करने या यौन संबंध बनाने पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। जो लोग अपनी पहचान छिपाकर शादी कर लेते हैं, अब वे कानून के घेरे में होंगे और उनको कड़ी सजा मिलेगी।
नए कानून में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अगर कोई पुरुष धोखेबाजी का सहारा लेकर महिला से शादी करने का वादा करके यौन संबंध बनाता है, तो यह अपराध माना जाएगा। ताजा प्रावधान से लव जिहाद करने वालों को 10 साल की कैद और जुर्माना होगा। पहले आईपीसी में इस बारे में अलग से प्रावधान नहीं था। ऐसे में लव जिहाद के मामलों में भी धोखा देने और यौन संबंध बनाने की धाराएं अब तक लगती थीं।
इसके अलावा नाबालिग से दुष्कर्म और गैंगरेप की सजा को कठोर किया गया है। गैंगरेप के सभी मामलों में 20 साल की सजा से लेकर उम्रकैद और नाबालिग बच्चियों से रेप के मामले में मौत की सजा देने का प्रावधान किया गया है। खास बात ये है कि मौत की सजा न हुई, तो उम्रकैद की सजा तो होगी ही, मतलब उसे पूरे जीवन तक जेल में रहना होगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 1860 की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) को बदलने के लिए लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) विधेयक पेश किया और कहा कि इसमें महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित प्रावधानों पर विशेष ध्यान दिया गया है। शाह ने कहा, इस विधेयक में महिलाओं के खिलाफ अपराध और उनके सामने आने वाली कई सामाजिक समस्याओं का समाधान किया गया है। शादी, रोजगार, पदोन्नति का वादा और झूठी पहचान की आड़ में महिलाओं के साथ संबंध बनाना पहली बार अपराध की श्रेणी में आएगा।