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Ashok Gehlot Exclusive: सत्ता हो या विपक्ष, सभी की राजनीति में इस समय राहुल गांधी हैं। कांग्रेस का आरोप है कि केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। अडानी समूह को लेकर राहुल गांधी के सवालों पर प्रधानमंत्री डरे हुए हैं। वहीं, भाजपा कह रही है कि अदालती प्रक्रिया में राहुल गांधी को सजा हुई। सजा हुई तो लोकसभा से सदस्यता जानी ही थी। आप को आपत्ति है तो ऊपरी अदालत में अपील करिए।
इस पूरे राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और देश में मचे सियासी संग्राम पर NEWS 24 के शो सबसे बड़ा सवाल में संदीप चौधरी ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से एक्सक्लूसिव बात की। पढ़िए सवाल और जवाब…
आप राजनीति के जादूगर हैं, इन दिनों काला जादू की एंट्री हो गई है। काला जादू कौन कर रहा है?
गहलोत: काला जादू पर बात फिर कर लेंगे। राहुल गांधी के खिलाफ षडयंत्र चल रहा है। उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया गया। राहुल गांधी की जो यात्रा थी, वह चार मुद्दे पर थी। गरीबी, महंगाई, नॉन वायलेंस और अमीरी गरीबी की खाई खत्म हो। उससे ये लोग डरे हुए थे।
आप अदालती कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं? क्या ये सरकार के इशारे पर हुआ?
गहलोत: कर्नाटक में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम का जिक्र किया। उसमें पीएम मोदी का नाम भी आया था। राहुल कहना चाहते थे कि नीरव मोदी भाग गया, उसे डर नहीं था क्योंकि पीएम भी मोदी हैं। बता दूं कि नेता जब बोलते हैं तो उन्हें जनता को समझाने के लिए कई तरह भाषा का इस्तेमाल करते हैं। आडवाणी-अटल भी बयान देते थे तो क्या उस मानहानि का केस नहीं होता। ये षडयंत्र है।
8 दिन हो गए, आपकी वकीलों की फौज तर्जुमा नहीं कर पाई?
गहलोत: ये काम लीगल टीम का, वही तय करेंगे। मेरा मानना है कि जिस प्रकार राहुल गांधी ने कहा कि चाहे संसद में रखो और या बाहर कर दो। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। राहुल ने कहा कि मैं 20 हजार करोड़, मोदी-अडानी के रिश्ते पर सवाल पूछता रहूंगा।
बीजेपी कहती है कि अशोक गहलोत से पूछो कि अडानी समूह से आपके रिश्ते क्या हैं?
गहलोत: देखिए राहुल गांधी इस बात का जवाब दे चुके हैं। इन्वेस्ट मीट में अडानी समूह ने 60 हजार करोड़ रुपए लगाए थे। जब कहीं इन्वेस्ट होता तो क्या राज्य सरकार मना कर देती है। हमारे राज्य में अडानी अंबानी या जय शाह आएं तो हम सभी का स्वागत करेंगे।
फिर विरोधाभास क्यों है? क्यों आरोप लगाया जाता है कि मोदी कहीं जाते हैं तो वहां से अडानी को प्लांट मिल जाता है?
गहलोत: अभी तक अडानी समूह पर आरोप लगे हैं। अडानी को झटका लगने के बाद हमारे यहां के इन्वेस्टमेंट रुक गए हैं। इस माहौल के अंदर। इन्वेस्टमेंट आएगा तो रोजगार बढ़ेगा। भाजपा सरकार ने कोयला मंगवाने का करार किया था तो क्या कोयला लेना बंद कर दूं।
सच्चाई सामने आएगी क्या? जेपीसी के बिना सच्चाई सामने आ पाएगी?
गहलोत: राहुल गांधी भी यही कह रहे हैं सच्चाई आनी चाहिए। वे आरोप लगा रहे हैं। फैसला कोर्ट या जांच समिति को करना है। अगर हमने अडानी समूह को अलग से फायदा पहुंचाया है तो जांच कराई जानी होनी चाहिए। जेल भी भेजना चाहिए। फिर चाहे वह राजस्थान के मुख्यमंत्री हों या छत्तीसगढ़ के सीएम हों।
क्या आप एमओयू खारिज नहीं कर सकते?
गहलोत: ये पॉपुलरिटी लेने के लिए कुछ भी कर दीजिए। क्या अडानी जी खुद क्या अप्रोच करते हैं। उन्हें झटका लगा है। सच्चाई सामने आने दीजिए पता लग जाएगा कि अडानी खुद विदड्रॉ करते हैं, सरकार क्या सोचती है फिर निर्णय लिया जाएगा।
जेपीसी की मांग मानी जाएगी?
गहलोत: मोदीजी क्या किसी की सलाह मानते हैं? उनको मानना चाहिए। उन्हें चिंता किस बात की है। संसद में अडानी समूह पर चर्चा कराते, देश देखता कि लोकतंत्र है। वे इतना डर क्यों नहीं रहे हैं। इसी बातों को संदेह पैदा होता है।
इसी तरह के सवाल राफेल सौदे को लेकर उठाए थे? लेकिन राफेल पर मोदी ने जो पक्ष रखा उस पर जनता गई?
गहलोत: वो चुनाव तो बालाकोट की भेंट चढ़ गया। दुनिया इस बात को जानती है। मैं समझता हूं कि जिस प्रकार से पीएम की अप्रोच है, उसमें बदलाव करना चाहिए। ये अप्रोच अच्छी नहीं है कि जेपीसी की मांग न मानो, राहुल को बोलने न दो। क्या देश में लोकतंत्र है?
क्या चिंता की वजह से विपक्ष की लामबंदी हो रही है?
गहलोत: ये शुभ संकेत है। देशहित में अच्छा है। कांग्रेस हो या अन्य पार्टी देश की जनता के हिसाब से चलती है। पहले भी विपक्ष एक हुआ है। कांग्रेस के खिलाफ भी विपक्ष ने मोर्चा बनाया था। मोदीजी बयान देते हैं कि विपक्ष भ्रष्टाचारियों का गिरोह बन गया है। ये भाषा पीएम को शोभा देती है? तो क्या बीजेपी में सभी दूध के धुले हैं।
भ्रष्टाचारी कौन है? क्या ये समझाने की कूवत किसमें ज्यादा है?
गहलोत: राहुल गांधी के दिल में देश और देशवासियों के लिए, गरीबों, दलितों के लिए दर्द है। जिसका मैं कायल हूं। करप्शन पर उनके दिल में क्या है? ये भी मैं जानता हूं। मोदीजी को इस खानदान से व्यक्तिगत दुश्मनी पता नहीं क्यों है? जिस परिवार ने देश के लिए आनंद भवन दे दिया। जिनकी दादी, पिता शहीद हुए हैं, उनके बेटे को षडयंत्र करके संसद से बाहर करते हो। दो दिन के अंदर बंगला खाली करने का नोटिस देते हो। कई नेता दिल्ली के अंदर बैठे हैं। मोदी और अमित शाह इतने बड़े पद हैं, उनको इस तरह की सोच नहीं रखना चाहिए।
क्या जेल जाने के लिए तैयार हैं राहुल गांधी?
गहलोत: राहुल जेल जाने से नहीं डरते हैं। वे किसी से डरते नहीं हैं। वे सच्चे इंसान हैं। गांधी जी ने कहा था कि Truth is God, God is Truth, राहुल गांधी गांधी के आदर्शों पर चल रहे हैं।
क्या ये कांग्रेस की रणनीति है कि राहुल जेल जाएं फिर अपील कर लेंगे?
गहलोत: पब्लिक में क्या अफवाह है, उस मैं कुछ नहीं कहूंगा। लीगल टीम मामले को देख रही है। 30 दिन बेल के लिए दिया गया है। क्या जल्दी थी कि बिना किसी फार्मेलिटी के निष्कासन किया गया। तत्काल फैसले किए गए।
राहुल गांधी के चलते विपक्ष लामबंद होता दिख रहा है, क्या अगुवाई राहुल करेंगे?
गहलोत: ये आप मुझसे पूछ रहे हैं, इस पर कोई चर्चा ही नहीं है। ये खानदान पिछले 32 साल से किसी पद पर नहीं है। न पीएम न चीफ मिनिस्टर। वे सेवा कर रहे हैं। तमाम जाति, धर्म के लोगों के बीच इनकी विश्वसनीयता है। ये निष्पक्ष होकर फैसले लेते हैं। आगे क्या होगा, यह अभी उचित समय नहीं है। सोनिया गांधी को पीएम बनने का मौका मिला था, लेकिन मनमोहन सिंह बने थे। राहुल गांधी से कई बार बात की गई लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। बीजेपी द्वारा राहुल गांधी की इमेज को खराब करने की कोशिश की गई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।
थोड़ा इंतजार कीजिए, धीरे धीरे ऐसी स्थिति बनती है। ज्योति बसु प्राइम मिनिस्टर बनने की दौड़ में थे, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था। समय का इंतजार कीजिए, नतीजे अच्छे आएंगे।
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