प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शिक्षा नीति के अंतर्गत मातृभाषा में पढ़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति में अब बच्चे अपनी प्रारंभिक शिक्षा माृतभाषा में ग्रहण कर सकेंगे। इसके साथ ही उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का भी धन्यवाद दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि वे मातृभाषा मामले में सुप्रीम कोर्ट का भी धन्यवाद करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब वे जजमेंट का ऑपरेटिव पार्ट स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराएंगे। जिससे किसी भी व्यक्ति को फैसला जानने और समझने में कोई परेशानी नहीं होगी। पीएम ने अपने भाषण में कहा कि आज के दौर में मातृभाषा का महत्व बढ़ गया है।
वहीँ पीएम मोदी ने जब जजमेंट के स्थानीय भाषा में उपलब्ध कराने के कार्य की सराहना की तो स्वतंत्रता दिवस समारोह में अतिथियों में शामिल भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने हाथ जोड़कर पीएम मोदी की टिप्पणी को स्वीकार किया जबकि अन्य मेहमानों ने तालियां बजाईं।
बता दें कि कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने तय किया था कि वो अपने द्वारा सुनाए गए फैसलों को कई क्षेत्रीय भाषाओं में सुप्रीम कोर्ट की बेबसाइट पर अपलोड करेगा। सुप्रीम कोर्ट में अब जजमेंट को अंग्रेजी से हिन्दी में ट्रांसलेट किया जाएगा। इसके बाद इसका क्षेत्रीय भाषाओं में भी अनुवाद करने की कोशिश होगी। 500 पन्नों जैसे बड़े जजमेंट को संक्षिप्त करके एक या दो पन्नों में करेंगे ताकि आम लोगों को समझ में आ जाए। सुप्रीम कोर्ट शुरुआत में जिन क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद करने की शुरुआत करने वाला है उसमें अंग्रेजी के साथ हिन्दी, कन्नड़, असमिया, उड़िया और तेलुगु हैं।