शिमला|
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भेंट की। मुख्यमंत्री ने राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने, संसाधन सृजन और बहाली कार्यों की गति में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार से अतिरिक्त विशेष केंद्रीय सहायता का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने उन्हें हिमाचल प्रदेश में बाढ़ के दौरान सड़कों, पुलों, जलापूर्ति योजनाओं, सिंचाई योजनाओं, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संस्थानों, पशुधन व मानव जीवन, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुई भारी क्षति के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि लगभग 8000 करोड़ के नुकसान का आकलन किया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने स्वयं के अल्प संसाधनों से राहत और बहाली अभियान चलाया जो राज्य के बुनियादी ढांचे को पटरी पर लाने के लिए अपर्याप्त है। ऐस में उन्होंने केंद्र से समर्थन और सहायता का आग्रह किया।
केंद्रीय मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रंगरीक में हवाई पट्टी के निर्माण का आग्रह किया
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भेंट की। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री से स्पिति घाटी के रंगरीक में सामरिक दृष्टि से हवाई पट्टी के निर्माण का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह स्थान उत्तरी सीमा से 50 किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित है और स्पिति घाटी के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 505 के अतिरिक्त अन्य कोई सम्पर्क साधन नहीं है।
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से गोला बारूद डिपो पोवारी को स्थानांतरित करने का भी आग्रह किया। उन्होंने अवगत करवाया कि इसके दृष्टिगत दो वैकल्पिक स्थलों की पहचान की गई है। उन्होंने उचित कार्यवाही के लिए आग्रह किया और कहा कि राज्य सरकार भूमि उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि 450 मेगावाट क्षमता की शोंगटोंग कड़छम जल विद्युत परियोजना इस डिपो के ठीक सामने सतलुज नदी के बाएं किनारे पर स्थित है और कहा कि सिल्ट फ्लशिंग टनल का उत्खनन का कार्य गोला-बारूद डिपो की पाबंदियों के कारण आउटलेट पोर्टल के बजाए इनलेट पोर्टल से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस डिपो के स्थानांतरित होने तक नियंत्रित विस्फोटन प्रणाली निर्धारित करने के लिए इस मामले पर सेंटर फॉर फायर एक्सप्लोसिव्स एंड एनवायरमेंट सेफ्टी के साथ चर्चा की गई है ताकि राज्य सरकार उत्खनन का कार्य आउटलेट पोर्टल के माध्यम से भी कर सके।
मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों के गांवों को जोड़ने के लिए नई सड़कों के निर्माण के अलावा सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए राष्ट्रीय राजमार्ग पर सड़क बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का भी आग्रह किया। उन्होंने पुरानी हिंदुस्तान-तिब्बत सड़क के पुनर्विकास, ज्यूरी से भाबानगर तक समानांतर स्टेªच विकसित करने, खाब-लियो-चांगो सड़क को विकसित करने तथा भाबा-मुद सड़क पर भाबा टॉप के नीचे टनल बनाने पर चर्चा की। इससे काजा और शिमला के मध्य दूरी 70 किलोमीटर कम हो जायेगी। उन्होंने मध्यवर्ती सड़कें विकसित करने पर भी बल दिया।
रक्षा मंत्री ने राज्य को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।