प्रजासत्ता नेशनल डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। सरकार ने विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा पीएम ई-बस सेवा को भी मंजूरी दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों पर एक ब्रीफिंग के दौरान, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि पीएम ई-बस सेवा को मंजूरी दे दी गई है। इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी।


पीएम ई-बस सेवा के लिए 57613 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है। इसके लिए 100 शहर चुने जाएंगे। पहाड़ी राज्यों और नॉर्थ ईस्ट जैसे राज्यों के लिए 90 परसेंट पैसा केंद्र सरकार द्वारा दिया जाएगा, बाकी 10 परसेंट राज्य को वहन करना होगा।
जानकारी के अनुसार, शहरों का चुनाव ‘चैलेंज मेथड’ से किया जाएगा। इसके तहत पुरानी बसों के स्क्रैप के लिए अतिरिक्त बसें शहरों को दी जाएगी। ये योजना दस साल तक चलेगी। शहरों में ग्रीन मोबिलिटी को इससे बढ़ावा मिलेगा। केंद्र और राज्य सरकार दोनों इसके लिए पैसा देंगे। इसमें 20000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार वहन करेगी, बाकी का पैसा राज्यों को खर्च करना पड़ेगा।
‘पीएम विश्वकर्मा’ के तहत मिलेगा रियायती लोन
‘पीएम विश्वकर्मा’ के तहत ग्रामीण और शहरी भारत के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को समर्थन दिया जाएगा। इस योजना के तहत 13,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। सरकार शिल्पकारों के लिए पहले चरण में 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का रियायती लोन देगी। विश्वकर्मा योजना के तहत लगभग 30 लाख परिवारों को सहायता मिलेगी। बता दें कि इस योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन के दौरान की थी।

