
प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
भारत और चीन के बीच लम्बे समय से चल तनावपूर्ण रिश्तों के बाद अब पहली बार चीनी रक्षा मंत्री भारत में होंगे। चीनी रक्षा मंत्री का यह दौरा शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक को लेकर हो रहा है। वह इसी बैठक में शामिल होने के लिए ही भारत आ रहे हैं। हालांकि, इस दौरान वह 27 अप्रैल को राजनाथ सिंह से भी मुलाकात करेंगे। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी सहयोगी माने जाने वाले जनरल ली की भारत यात्रा को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वर्ष 2020 में गलवान घाटी हिंसा के बाद यह पहला मौका है जब चीनी रक्षा मंत्री भारत आएंगे।
बता दें कि जनरल ली के दौरे से पहले, चीनी रक्षा मंत्रालय ने 23 अप्रैल को चुशूल-मोल्दो सीमा स्थल पर आयोजित चीन-भारत कोर कमांडर स्तरीय बैठक के 18वें दौर के बारे में सकारात्मक बात की। चीन ने कहा है कि दोनों पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम करने के अलावा पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से जारी गतिरोध से संबंधित प्रासंगिक मुद्दों के समाधान को तेज करने पर सहमत हुए हैं।

वहीं, रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि प्रासंगिक मुद्दों पर दोनों पक्षों के बीच मैत्रीपूर्ण और स्पष्ट विचारों का आदान-प्रदान हुआ। दोनों देशों के नेताओं के मार्गदर्शन में और दोनों विदेश मंत्रियों के बीच बैठक की उपलब्धियों के आधार पर, दोनों पक्ष सैन्य और राजनयिक माध्यम से निकट संपर्क और संवाद बनाए रखने, चीन-भारत सीमा के पश्चिमी खंड पर प्रासंगिक मुद्दों के निपटारे में तेजी लाने, सीमाई इलाकों में अमन-चैन बनाए रखने पर सहमत हुए।
गौर हो कि गलवान में हैंड-टू-हैंड कॉम्बेट में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। इसके अलावा पिछले साल दिसंबर में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर के यांग्त्से में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच झड़प हुई थी।
