नई दिल्ली|
भारतीय जनता पार्टी ने 2023 में 10 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देशभर में बड़े स्तर पर संगठन में बदलाव की तैयारी कर रही है। कहा जा रहा है कि करीब 9 राज्यों में संगठन, मंत्री स्तर पर फेरबदल की तैयारी कर चुकी है।
संगठन मंत्रियों का पद संघ से बीजेपी में आए हुए लोगों को दिया जाता है। बीजेपी को जब भी इस तरह का बदलाव करना होता है तब पहले आरएसएस के साथ मंत्रणा होती है, उसके बाद बदलाव होता है। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी और आरएसएस के बीच इस परिवर्तन को लेकर सहमति बन गई है।
मोटे तौर पर देखा जाए तो विधानसभा चुनाव को देखते हुए और जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां परिवर्तन की संभावना अधिक है। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। वहीं दिल्ली में भी एमसीडी चुनाव में बीजेपी पिछले 15 साल की सत्ता को खो दिया है। दिल्ली में तो चुनाव परिणाम आने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का इस्तीफा भी हो चुका है।
दिल्ली के संगठन मंत्री सिद्धार्थन का हटना तय
दिल्ली के संगठन मंत्री सिद्धार्थन को हटाया जाना तय है। उनकी जगह किसी और तेजतर्रार नेता को संगठन मंत्री के पद की जिम्मेदारी दी जाएगी, जो 2024 के लोकसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी में अपनी ताकत लगाएंगे।
हिमाचल प्रदेश संगठन मंत्री पवन राना पर गिरना तय
हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी ने वहां ‘सरकार नहीं रिवाज बदलो’ का नारा दिया था लेकिन आंतरिक फूट की वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा। कहा जा रहा है कि हार की गाज वहां के संगठन मंत्री पवन राना पर गिरना तय है। उनकी जगह किसी दूसरे व्यक्ति को संगठन मंत्री की जिम्मेदारी दी जाएगी।
राजस्थान में भी संगठन मंत्री का हटना तय
राजस्थान में भी 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं। कहा रहा है कि राज्य के संगठन मंत्री चंद्रशेखर का भी हटना तय है, क्योंकि राजस्थान में विपक्ष में होने के बावजूद भी संगठन में रार है। राजस्थान भाजपा में कई गुट बन गए हैं।
असम में वैसे तो विधानसभा चुनाव में अभी समय है लेकिन बीजेपी वहां के राज्य के संगठन मंत्री फड़िंद्र नाथ शर्मा को बदल कर धनी शर्मा को जिम्मेदारी दे सकती है। इसके अलावा पंजाब के संगठन मंत्री एम श्रीनिवासुलु, हरियाणा के संगठन मंत्री रविंद्र राजू के प्रभार में भी स्थानीय दिक्कतों की वजह से बदलाव की तैयारी की जा चुकी है।