प्रजासत्ता|
ट्विटर ने शनिवार को उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के व्यक्तिगत अकाउंट की ब्लू वेरिफिकेशन टिक को हटाने के कुछ घंटों के बाद बहाल कर दिया। सोशल मीडिया कंपनी द्वारा कार्रवाई के तहत सत्यापन टिक को हटाने के बाद सोशल मीडिया पर एक बड़ा हंगामा खड़ा हो गया था। अगस्त 2013 में बनाए गए नायडू के पर्सनल अकाउंट के 13 लाख फॉलोअर्स हैं। हालांकि, हैंडल से आखिरी ट्वीट 23 जुलाई, 2020 को किया गया था, जिसको ट्विटर प्रवक्ता ने उपराष्ट्रपति के निजी हैंडल से सत्यापन टिक हटाने को जिम्मेदार ठहराया।
ट्विटर के प्रवक्ता ने कहा, “जुलाई 2020 से खाता निष्क्रिय है। हमारी सत्यापन नीति के अनुसार, यदि खाता निष्क्रिय हो जाता है तो ट्विटर ब्लू वेरिफिकेशन टिक और सत्यापित स्थिति को हटा सकता है। टिक को बहाल कर दिया गया है।” हालांकि, कई सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने बताया कि कितने खाते जो निष्क्रिय हैं, लेकिन उनमें ब्लू टिक जारी है। साथ ही, भारत के उपराष्ट्रपति के आधिकारिक हैंडल की पुष्टि होती रही है।
शनिवार को कई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल से भी ब्लू वेरिफिकेशन टिक हटा दिए गए।
भारत के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू के निजी ट्विटर हैंडल से ब्लू टिक हटाने के बाद माइक्रोब्लॉगिंग सोशल नेटवर्क ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के हैंडल से सत्यापित ब्लू टिक हटा दिया।
इतना ही नहीं ट्विटर ने संघ के कई और नेताओं के ट्विटर अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा दिया है।
इन संघ नेताओं के अकाउंट से हटाया ब्लू टिक
संघ प्रमुख मोहन भागवत के अलावा कृष्ण गोपाल, सुरेश सोनी, सुरेश जोशी और अरुण कुमार के अकाउंट से भी ब्लू टिक हटा लिया गया है। अब केवल आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले का ट्विटर अकाउंट वैरीफाइड है।
ट्विटर का कहना है कि हमारी नीति के अनुसार अगर अकाउंट पर काफी दिनों से कोई ट्वीट नहीं किया गया तो अकाउंट इनएक्टिवेट हो जाता है और ट्विटर ब्लू टिक हटा सकता है। लेकिन ट्विटर की इस सफाई पर सोशल मीडिया में ही सवाल उठ रहे हैं और लोग उन अकाउंट्स को शेयर कर रहे हैं, जिन्होंने लंबे समय से कोई ट्वीट नहीं किया है लेकिन अकाउंट वैरिफाइड हैं।