प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
पंजाब में मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू का अचानक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद फिर सियासी घमासान मच गया है। दरअसल पंजाब में नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी के बाद लगा था कि वहां कांग्रेस में अब सबकुछ लगभग ठीक हो गया है, लेकिन मंगलवार को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से अचानक इस्तीफा देकर नवजोत सिंह सिद्धू ने सबको हैरान कर दिया और ये संकेत दे दिए कि पंजाब कांग्रेस का ड्रामा अभी और लंबा खिंचेगा|
वहीँ कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया है। वह वेट एंड वॉच की नीति अपना रहे हैं और स्थानीय पार्टी नेतृत्व से मामले को सुलझाने के लिए कहा है। सिद्धू ने अपने घर पर समर्थकों के साथ बैठक की, जिसमें कैबिनेट मंत्री परगट सिंह भी बैठक में मौजूद रहे। इसके साथ ही पंजाब कैबिनेट की आज सुबह 10.30 बैठक होगी।
इस पूरे मामले से जुड़े एक नेता ने बताया कि कांग्रेस की टॉप लीडरशिप इस पूरे मसले पर अभी वेट एंड वॉच का रुख अपना रही है. इस नेता ने कहा, ‘नवजोत सिंह सिद्धू एक इमोशनल इंसान हैं, इसलिए हम अभी वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपना रहे हैं और प्रदेश के नेतृत्व से कहा है कि वो अपनी ओर से मामले को सुलझाएं|’
क्रिकेटर से नेता बने सिद्धू ने मंगलवार को एक चिट्ठी लिखकर अपने पद से इस्तीफा दिया था| उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा कि ‘मनुष्य का चारित्रिक पतन समझौतों से ही शुरू होता है, और मैं पंजाब के भविष्य और कल्याण के एजेंडे के साथ समझौता नहीं कर सकता हूं… इसलिए, मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं… कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा…’ सिद्धू को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष 23 जुलाई को बनाया गया था|
सिद्धू को 23 जुलाई को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। सिद्धू के इस्तीफे के बाद इस्तीफे का सिलसिला शुरू हो गया। सिद्धू के करीबी माने जाने वाले एक मंत्री और कांग्रेस के तीन नेताओं ने कांग्रेस आलाकमान को एक बड़ा झटका देते हुए अपने पदों से इस्तीफा दे दिया, जो सिद्धू और कप्तान अमरिंदर सिंह के बीच के विवाद को सुलझाने की उम्मीद कर रहे थे।