प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
संसद के मौजूदा मॉनसून सत्र के दौरान जंतर-मंतर पर एक किसान संसद का आयोजन किया जाएगा जिसमें भाग लेने सिंघू बॉर्डर से आंदोलनकारी किसान आएंगे। किसान यूनियन ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि 22 जुलाई से सिंघु बॉर्डर से हर दिन 200 प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर आएंगे। बता दें कि पिछले साल सितंबर में बनाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आठ महीने से अधिक समय से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के बॉर्डरों के पास प्रदर्शन कर रहे|
सिंघू बॉर्डर पर विरोध का नेतृत्व कर रहे किसान संगठनों ने फैसला किया है कि गुरुवार से 200 प्रदर्शनकारी हर दिन जंतर-मंतर जाएंगे। किसान नेताओं ने कहा, “हम 22 जुलाई से मानसून सत्र समाप्त होने तक ‘किसान संसद’ आयोजित करेंगे और 200 प्रदर्शनकारी हर दिन जंतर-मंतर जाएंगे। हर दिन एक स्पीकर और एक डिप्टी स्पीकर चुना जाएगा। पहले दो दिनों में एपीएमसी एक्ट पर चर्चा होगी। बाद में, अन्य विधेयकों पर भी हर दो दिनों में चर्चा की जाएगी।”
प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसके बाद एक किसान नेता ने कहा कि वे जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे और कोई भी प्रदर्शनकारी संसद नहीं जाएगा। जंतर मंतर पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक धरना जारी रहेगा।
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा, “जब पुलिस ने हमें प्रदर्शनकारियों की संख्या कम करने के लिए कहा तो हमने उन्हें कानून-व्यवस्था की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा और यह भी आश्वासन दिया कि विरोध शांतिपूर्ण होगा।”