प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
क्रिप्टोकरेंसी की वैधता और इसके नियमन पर भारत में चर्चा गरम है। सरकार कितनी गंभीरता और तेजी से इस संबंध में अपना स्टैंड तैयार कर रही है, इसका सबूत हैं पिछले एक हफ्ते में हुईं दो अहम बैठकें और गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसपर आया ताजा बयान।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को इस विषय पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में कहा कि सभी लोकतांत्रिक देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकती है। वह सिडनी डायलॉग में अपने मुख्य भाषण के दौरान बोल रहे थे।
Take crypto-currency or bitcoin for example.
It is important that all democratic nations work together on this and ensure it does not end up in wrong hands, which can spoil our youth: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2021
पीएम मोदी ने कहा, “हमने पूरी दुनिया को अपने कोविन प्लेटफॉर्म की पेशकश की है और इसे ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर बनाया है। सार्वजनिक भलाई, समावेशी विकास और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए प्रौद्योगिकी और नीति के उपयोग के साथ भारत का व्यापक अनुभव विकासशील दुनिया के लिए बहुत मददगार हो सकता है।”
उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए क्रिप्टो-मुद्रा या बिटकॉइन को लें। यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक राष्ट्र इस पर एक साथ काम करें और यह सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है।”
बता दें कि पिछले हफ्ते पीएम मोदी की अध्यक्षता में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बैठक हुई थी, जिसमें क्रिप्टो बाजार के नियमन, इसके खतरों और दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर हुए फैसलों और चलन पर चर्चा की गई थी। बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से खबर आई थी कि ‘सरकार इस तथ्य से अवगत है कि यह एक विकसित तकनीक है, इसलिए इसपर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और इसपर सक्रिय कदम उठाए जाएंगे. इस बात पर भी सहमति थी कि सरकार द्वारा इस क्षेत्र में उठाए गए कदम प्रगतिशील और दूरदर्शी होंगे।’