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Karnataka Elections 2023: कर्नाटक चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा, विपक्ष कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने अपना जोर लगाना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस की ‘प्रजा ध्वनि यात्रा’ के दौरान कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार को रैली में 500 रुपये के नोट की बौछार करते देखा गया। इस पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है।
कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार श्रीरंगपटना में पार्टी की ओर से आयोजित ‘प्रजा ध्वनि यात्रा’ में शामिल हुए थे। इस दौरान शिवकुमार को मांड्या जिले के बेविनाहल्ली के पास भीड़ पर 500-500 रुपये के नोट फेंकते देखा गया।
#WATCH | Karnataka Congress Chief DK Shivakumar was seen throwing Rs 500 currency notes on the artists near Bevinahalli in Mandya district during the ‘Praja Dhwani Yatra’ organized by Congress in Srirangapatna. (28.03) pic.twitter.com/aF2Lf0pksi
— ANI (@ANI) March 29, 2023
बोले- मुस्लिम समुदाय के लिए बहाल किया जाएगा आरक्षण
इससे पहले, शिवकुमार ने कहा कि अगर पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में सत्ता में आती है तो ओबीसी सूची के तहत मुस्लिम समुदाय के लिए आरक्षण बहाल किया जाएगा, जिसे कर्नाटक में भाजपा की अगुवाई वाली सरकार ने खत्म कर दिया है। शिवकुमार ने कहा कि मुझे विश्वास है कि कांग्रेस अगले 45 दिनों के बाद सत्ता में आएगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वोक्कालिगा और लिंगायत के समुदाय भी भाजपा की ओर से उन्हें दिए गए नए प्रस्तावित आरक्षण कोटे को अस्वीकार कर देंगे। वोक्कालिगा और लिंगायत ऐसे लोग हैं जिन्हें ‘अन्नदाता’ कहा जाता है। वे जमीन की जुताई करते हैं और अन्न के रूप में लोगों को भोजन देते हैं।
मौजूदा आरक्षण प्रणाली को शिवकुमार ने बताया मजाक
शिवकुमार ने भाजपा सरकार के तहत राज्य में मौजूदा आरक्षण प्रणाली को मजाक बताया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में आरक्षण एक मजाक है। यह असंवैधानिक है। उन्हें लगता है कि राज्य में आरक्षण को उनकी संपत्ति की तरह बांटा जा सकता है लेकिन यह संपत्ति नहीं अधिकार है। इस मिट्टी के अल्पसंख्यकों के अपने अधिकार हैं।
बता दें कि पिछले शुक्रवार को हुई एक कैबिनेट बैठक में कर्नाटक सरकार ने मुसलमानों के लिए चार प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया और इसे दो प्रमुख समुदायों, वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा में बांट दिया। इसने ओबीसी मुसलमानों को 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) श्रेणी में स्थानांतरित करने का भी फैसला किया।
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