प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
रूस और यूक्रेन के बीच तकरीबन 110 दिनों से जारी युद्ध का असर दुनियाभर के अर्थव्यवस्था पर देखने को मिल रही है। इससे भारत भी अछुता नहीं है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। इस कारोबारी हफ्ते के पहले दिन सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया अपने ऑल टाइम लो को टच कर गया।
भारतीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब डॉलर के मुकाबले रुपया 78 के नीचे आया है। आज डॉलर के मुकाबले रुपया 28 पैसे की कमजोरी के साथ 78.12 रुपये के स्तर पर खुला। इस तरह आज पहली बार रुपया कमजोर होकर 78 रुपये के स्तर को पार कर गया है। वहीं, इससे पहले शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 7 पैसे की कमजोरी के साथ 77.83 रुपये के स्तर पर बंद हुआ था।
जानकारों के मुताबिक घरेलू शेयर बाजार में कमजोरी के रुख, विदेशी फंड्स की लगातार निकासी और अमेरिकी डॉलर में लगातार मजबूती के कारण रुपए में इतनी बड़ी गिरावट आई है। विदेशी निवेशकों की भारी बिकवाली और अमेरिका में महंगाई दर के आंकड़ों से डॉलर के मुकाबले रुपए में इतनी बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
कई जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में एक डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होकर 80 रुपये प्रति डॉलर तक गिर सकता है। दरअसल अमेरिका में बढ़ती महंगाई के मद्देनजर फेडरल रिजर्व बैंक ब्याज दरें बढ़ाने का फैसला लेता है तो भारत जैसे इमर्जिंग मार्केट से निवेशक पैसा निकाल सकते हैं जिससे रुपया और कमजोर हो सकता है। रुपया इस समय वैश्विक कारणों से साथ घरेलू कारणों से भी गिर रहा है।
शेयर बाजारों में गिरावट तो इसके पीछे है ही, ब्याज दरों में बढ़ोतरी के ग्लोबल रुझान के बीच विदेशी फंडों की ओर से बिकवाली जारी रहने से भी रुपये पर दबाव आया है। कच्चा तेल महंगा होने और अन्य करेंसी के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से रुपया कमजोरी के दायरे में दिखाई दे रहा है।