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Paper Leak Case: तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय को हिंदी एसएससी पेपर लीक मामले में जमानत मिल गई है। बंदी संजय के वकील एडवोकेट श्याम सुंदर रेड्डी ने बताया कि तेलंगाना भाजपा प्रमुख को पुलिस ने करीमनगर में उनके आवास से हिरासत में लिया था।
एडवोकेट रेड्डी ने कहा, “अदालत ने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया है और बंदी संजय को जमानत दे दी गई। शुक्रवार सुबह रिहाई आदेश प्रस्तुत करने के बाद उन्हें करीम नगर जेल से रिहा कर दिया जाएगा।” एडवोकेट ने बताया कि अदालत ने शर्त रखी है कि वे बिना अनुमति के भारत से बाहर नहीं जा सकते हैं।
संजय समेत 3 लोगों को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा था
इससे पहले बुधवार को एसएससी पेपर लीक मामले में बंदी संजय सहित तीन अन्य को 19 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राज्य के दौरे से पहले बंदी संजय कुमार को मंगलवार आधी रात के बाद करीमनगर स्थित उनके आवास से हिरासत में लिया गया।
इससे तनावपूर्ण माहौल बन गया और बंदी संजय के समर्थकों के साथ पार्टी कार्यकर्ताओं ने पुलिस को रोकने की कोशिश की। गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया देते हुए, तेलंगाना भाजपा प्रमुख बंदी संजय कुमार के कार्यालय ने कहा कि एसएससी पेपर लीक मामले में बंदी संजय की हिरासत पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है और पूरा प्रकरण स्पष्ट साजिश है।
कहा गया कि बंदी संजय की हिरासत पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है। बीआरएस सरकार धीरे-धीरे जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता खो रही है इसलिए वे ऐसे स्टंट कर रहे हैं। यह पेपर लीक बीआरएस सरकार की विफलता है। बंदी संजय कुमार के कार्यालय के एक अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि स्कूल और नौकरी की परीक्षाओं के संबंध में तेलंगाना सरकार की हालिया विफलताओं को छिपाने के लिए उन्हें हिरासत में लिया गया है।
पेपर लीक केस क्या है?
दरअसल, विकराबाद और कमलापुर में 10वीं के पेपर लीक का मामला आया था। FIR के मुताबिक, कमलापुर में कुछ अज्ञात लोगों ने एग्जाम सेंटर के बाहर छात्रों से क्वेश्चन पेपर लिया और मोबाइल से उसकी फोटो लेकर सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। वहीं, विकराबाद में भी 10वीं के एग्जाम के शुरू होने के कुछ मिनट बाद ही तेलुगू भाषा के पेपर की फोटो ली और उसे किसी दूसरे को भेज दिया, ताकि चीटिंग के लिए जवाब तैयार किया जा सके।
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