प्रजासत्ता|
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने भारत में तबाही मचा रखी है| इसे रोकने के लिए लगातार नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं| पाबंदी से लेकर Vaccination तक हर कदम उठाए जा रहे हैं| इस महामारी में डॉक्टर अहम भूमिका निभा रहे हैं और फ्रंट लाइन योद्धा के रूप में सामने आए हैं|
कोविड-19 को हराने और पीड़ितों का मनोबल बनाए रखने में डॉक्टरों ने अभी तक अहम भूमिका निभाई है । घर, परिवार की चिंता छोड़कर मरीजों की सेवा करना और उनके आत्मविश्वास को बनाए रखने में इन लोगों ने दिन-रात एक कर दिया है लेकिन बहुत से डॉक्टर अपनी जान इक्स महामारी की वजह से गवा चुके हैं|
बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर में देशभर में अब तक कुल 244 डॉक्टर कोरोना सक्रमण के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं| इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के आंकड़ों के अनुसार अब तक कुल 28 महिला डॉक्टरों की जान गई वहीं 216 पुरुष डॉक्टरों की जान कोरोना संक्रमण से गई है| पिछले साल कुल 756 डॉक्टरों ने इस महामारी में अपनी जान गवाईं थी|
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ जे.ए. जयालाल ने बताया कि, कोरोना की दूसरी लहर में कुल 244 डॉक्टरों की जान अब तक गई है| इस साल बिहार में अधिक्तर डॉक्टरों की जान गई| इसके अलावा उत्तरप्रदेश और दिल्ली में भी कई डॉक्टरों की जान गई है| इस महामारी में करीब 30 साल से 55 साल तक के डॉक्टरों की जान ज्यादा गई है| हालांकि इसमें बुजुर्ग डॉक्टर भी शामिल है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले इस साल युवा डॉक्टरों की जान ज्यादा गई है| इस साल 3 से 4 गर्भवती डॉक्टर की जान भी संक्रमण के कारण गई है|