प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट और रूस के आक्रमण के बीच फंसे भारतीय छात्रों पर आज सुबह एक शीर्ष स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
सरकारी सूत्रों ने आज कहा कि कुछ केंद्रीय मंत्री छात्रों को निकालने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों का दौरा कर सकते हैं। इसके कार्य के लिए बाहर जाने वाले मंत्रियों में हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और वीके सिंह शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह निकासी मिशन के समन्वय और छात्रों की मदद करने के लिए यूक्रेन के पड़ोसी देशों की यात्रा करेंगे: सरकारी सूत्र
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2022
माना जाता है कि लगभग 16,000 छात्र यूक्रेन में बंकरों, बम आश्रयों या उनके छात्रावास के तहखाने में छिपे हुए हैं।
#WATCH दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन संकट पर उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। #RussiaUkraineCrisis pic.twitter.com/v6ZBt16wJ6
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विपक्षी दल, मुख्य रूप से कांग्रेस, छात्रों के एसओएस वीडियो साझा करते रहे हैं और छात्रों को जल्द वापस नहीं लाने के लिए सरकार पर हमला किया है।
रोमानिया, हंगरी, स्लोवाक गणराज्य और पोलैंड जैसे पड़ोसी देशों से छात्रों को निकालेन पर काम किया जा रहा है। हालांकि कई छात्र इन देशों के बॉर्डरों पर पहुंचने के लिए पैदल ही निकल पड़े हैं।
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने शनिवार को ट्विटर पर कहा कि भारतीय नागरिकों को हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करके सरकारी अधिकारियों के साथ समन्वय किए बिना किसी भी सीमा चौकी पर नहीं जाना चाहिए। दूतावास ने कहा था कि सीमा चौकियों पर पहुंचने वालों को बिना बताए उनकी मदद करना मुश्किल है।
दूतावास ने कहा कि यूक्रेन के पश्चिमी शहरों में पानी, भोजन, आवास और बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच बिना किसी योजना के सीमा चौकियों तक पहुंचने की तुलना में अपेक्षाकृत सुरक्षित और उचित है।
रोमानिया और हंगरी की सीमाओं पर पहुंचे भारतीयों को सरकारी अधिकारियों की मदद से सड़क मार्ग से बुखारेस्ट और बुडापेस्ट ले जाया गया है, ताकि एयर इंडिया की इन उड़ानों में उन्हें निकाला जा सके।