प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
अशोभनीय आचरण के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन को राज्यसभा के मौजूदा सत्र में शेष समय के लिए निलंबित किया गया है| संसदीय कार्य राज्यमंत्री ने प्रस्ताव रखा| मंत्री से दुर्व्यवहार पर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा गया| उसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया|
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने संसदीय मामलों के राज्य मंत्री वी मुरलीधरन द्वारा इस पर एक प्रस्ताव पेश करने के कुछ ही क्षणों में निलंबन की घोषणा कर दी। मुरलीधरन ने अपने प्रस्ताव में कहा, “मैं प्रस्ताव करता हूं कि डॉ शांतनु सेन को उनके अनियंत्रित व्यवहार के लिए सदन की सेवाओं से निलंबित कर दिया जाए।”
प्रस्ताव पारित करने के कुछ मिनट बाद, सभापति नायडू ने डॉ सेन से सदन छोड़ने का अनुरोध किया। तृणमूल सांसदों के विरोध के बाद उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
बता दें कि बीते दिन गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मॉनसून सत्र के सीधे तीसरे दिन भी जोरदार ड्रामा जारी रहा, क्योंकि विपक्षी सांसदों ने पेगासस जासूसी विवाद सहित कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया। राज्यसभा में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच पेगासस जासूसी विवाद पर अपने बयान को कम करना पड़ा।
जैसे ही श्री वैष्णव पेगासस पर बयान देने के लिए उठे तृणमूल सांसद शांतनु सेन ने उनके हाथ से स्टेटमेंट पेपर छीन लिया और डिप्टी चेयरमैन की तरफ फेंक दिया। हंगामे के बावजूद वैष्णव ने बयान देने का फैसला किया। इसके बाद में राज्यसभा को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया। ऊपरी सदन को इससे पहले आज दोपहर 12 बजे तक और फिर दोपहर 2 बजे तक स्थगित किया गया था।