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नई दिल्ली: 74वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्र के नाम संदेश दिया। देश-विदेश में रहने वाले लोगों को बधाई देती हुई वह बोलीं, जब हम गणतंत्र दिवस मनाते हैं, तब हमने जो उपलब्धियां प्राप्त की हैं, उनका हम उत्सव मनाते हैं। हम सब एक ही हैं और हम सभी भारतीय हैं। भारत एक गरीब और निरक्षर राष्ट्र की स्थिति से आगे बढ़ते हुए विश्व-मंच पर एक आत्मविश्वास से भरे राष्ट्र का स्थान ले चुका है।
Every citizen has reason to be proud of Indian story: President Murmu
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— ANI Digital (@ani_digital) January 25, 2023
हमारा सभ्यता आधारित ज्ञान जीवन के लिए प्रासंगिक
आगे राष्ट्रपति ने कहा, पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया। यह उपलब्धि, आर्थिक अनिश्चितता से भरी वैश्विक पृष्ठभूमि में प्राप्त की गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति शिक्षार्थियों को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करते हुए हमारी सभ्यता पर आधारित ज्ञान को समकालीन जीवन के लिए प्रासंगिक बनाती है। हम विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी उपलब्धियों पर गर्व का अनुभव कर सकते हैं।
महिलाएं आने वाले भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा महिला सशक्तीकरण तथा महिला और पुरुष के बीच समानता अब केवल नारे नहीं रह गए हैं। मेरे मन में कोई संदेह नहीं है कि महिलाएं ही आने वाले कल के भारत को स्वरूप देने के लिए अधिकतम योगदान देंगी। सशक्तीकरण की यही दृष्टि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों सहित, कमजोर वर्गों के लोगों के लिए सरकार की कार्य-प्रणाली का मार्गदर्शन करती है।
जलवायु परिवर्तन ऐसी चुनौतियां हैं जिनका सामना शीघ्र करना है
राष्ट्रपति ने कहा इस वर्ष भारत G-20 देशों के समूह की अध्यक्षता कर रहा है। विश्व-बंधुत्व के अपने आदर्श के अनुरूप, हम सभी की शांति और समृद्धि के पक्षधर हैं। उन्होंने कहा G-20 की अध्यक्षता एक बेहतर विश्व के निर्माण में योगदान हेतु भारत को अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करती है। मेरे विचार से ग्लोबल वॉर्मिंग और जलवायु परिवर्तन ऐसी चुनौतियां हैं, जिनका सामना शीघ्रता से करना है।
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