प्रजासत्ता ब्यूरो।
देश की रक्षा में तैनात सीआरपीएफ जवानों की शोर्य गाथाएं तो आपने बहुत बार सुनी होगी। देश के दुश्मनों का वजूद मिटा कर जहां यह वीर जवान अपने अदम्य साहस और वीरता को दिखातें हैं, वहीं मुसीबत पड़ने पर अपने साथी जवानों और उनके परिवार की मदद कर प्रेम और सद्भावना का परिचय भी देते हैं। ऐसी ही एक मिसाल सीआरपीएफ DESO-10 बैच के अधीनस्थ अधिकारियों ने पेश की हैं।
सीआरपीएफ की 235 वीआईपी सुरक्षा यूनिट में संलग्न ड्यूटी पर तैनात पंजाब के रहने वाले 44 वर्षीय इंस्पेक्टर गुरविंदर सिंह का बीते 3 दिसंबर 2022 को ड्यूटी के दौरान हृदयघात से अक्समात निधन हो गया। शहीद गुरविंदर अपने पीछे परिवार में दो बेटियां, एक बेटा पत्नी,और माता पिता को छोड़ गए है। गुरविंदर के अकस्मात निधन से जहां उनके परिवार की बड़ी क्षति हुई, वहीं परिवार के इकलौते कमाने वाले के चले जाने के बाद परिवार पर दु:खों का भार और बढ़ गया।
गुरविंदर के परिवार के इसी दुःख की जानकारी जब सीआरपीएफ DESO-10 बैच के अधीनस्थ अधिकारियों को पता चली तो सभी का दिल पसीज गया और सभी ने एकजुट होकर शहीद के परिवार की मदद करने की ठानी। सीआरपीएफ DESO-10 बैच के अधीनस्थ अधिकारियों ने अपनी निजी कमाई से कुछ राशि इक्कठा कर शहीद के परिवार को मदद के तौर पर दी। जिसमे से दो-दो लाख रूपए के चेक उनकी बेटियों के नाम, जबकि 60 हजार की नकद राशि परिवार को मदद स्वरूप भेंट कर मानवता की मिसाल पेश की।
कहा जाता है कि शहीद कभी मरा नहीं करते, वे हमेशा हमारे बीच ही रहते हैं। देश के लिए अपनी जान न्योछावर करने के लिए हमेशा तैयार रहने वाले इन वीर सपूतों की जिंदगीयां दूसरों को प्रेरणा देने वाली बन जाती है। गुरविंदर के परिवार के प्रति जो समर्पण भावना सीआरपीएफ DESO-10 बैच के अधिनस्थ अधिकारियों ने पेश की, इससे सीख लेकर अन्य लोग भी शहीदों के परिवारों की मदद करने को आगे आएं, यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
सीआरपीएफ में तैनात इंस्पेक्टर प्रताप सिंह पंवार ने कहा कि दु:ख की इस घड़ी में सबको एक होकर सहयोग करने की जरुरत है। अन्य लोग भी अगर इसी तरह शहीदों की मदद के लिए आगे आएं तो यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।