प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
सुप्रीम कोर्ट ने महिलाओं के अगले साल तक राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में महिलाओं को शामिल करने के केंद्र सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को इस साल राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) की परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जानी चाहिए।
सरकार ने सुझाव दिया था कि एनडीए के लिए पहली महिला उम्मीदवारों को अगले साल मई में परीक्षा देनी चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग को इस साल 14 नवंबर को परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस साल के लिए फैसला टालना सही नहीं होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, “अगर वे मई 2022 में परीक्षा में शामिल होती हैं तो जून 2023 में प्रवेश होगा। हम एक साल की देरी नहीं कर सकते। हमने लड़कियों को उम्मीद दी है। हम उन्हें अब उस उम्मीद से इनकार नहीं कर सकते।”
केंद्र ने कहा था कि लड़कियों के लिए मापदंड तैयार किए जा रहे हैं। जोकि मई 2022 में अधिसूचना में जारी किए जाएंगे। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सेनाएं तेज़ी से काम करने में सक्षम है और इस बार भी रास्ता निकाल लेंगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र के हलफनामे से ऐसा प्रतीत होता है कि आप एक साल के लिए प्रवेश को टालना चाहते हैं। केंद्र सरकार ने कहा ऐसा नहीं है, हमें व्यवस्थाएं करने में कुछ समय लगेगा, इसके लिए हमें समय चाहिए
केंद्र सरकार ने हलफनामें में कहा था कि मई 2022 तक NDA में महिला परीक्षार्थियों के लिए नोटिस जारी किया जाएगा। एएसजी ऐश्वर्या भट्टी ने अदालत अनुरोध किया कि वह महिला उम्मीदवारों को अगले साल परीक्षा में शामिल होने दे और इस सत्र में हिस्सा नहीं ले।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह इस सत्र से ही होना चाहिए, एक साल तक सब कुछ स्थगित करना मुश्किल लगता है, परीक्षा पहले ही निर्धारित कर दी गई है, अंतरिम आदेश पारित कर दिए गए है। सशस्त्र बल आपातकाल से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त हैं और हमे नहीं लगता कि वह इस साल परीक्षा लेने वाले छात्रों को समायोजित करने में असमर्थ नहीं होंगे।