प्रजासत्ता नेशनल डेस्क|
देश को बच्चों के लिए पहली कोरोना रोधी वैक्सीन मिल गई है। भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने जायडस कैडिला की तीन डोज वाली कोरोना रोधी जायकोव-डी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। यह 12 साल के बच्चों से लेकर बड़ों को भी लगाई जाएगी।
देश में अभी तक जो वैक्सीन लगाई जा रही है वह 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए है। इसके अलावा ये सभी दो डोज वाली वैक्सीन हैं, जबकि जायकोव-डी तीन डोज की। अहमदाबाद स्थित इस फार्मा कंपनी ने अपनी इस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए डीसीजीआइ के पास पहली जुलाई को आवेदन दिया था।
इस वेक्सीन की खासियत यह है कि यह दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। अभी तक जितनी भी वैक्सीन हैं वह एम-आरएनए आधारित हैं। हालांकि, दोनों ही वैक्सीन एक ही काम करतीं, बस इनके काम करने का तरीका अलग है। प्लाज्मिड डीएनए-आधारित जाइकोव-डी सार्स-सीओवी-2 के स्पाइक प्रोटीन का उत्पादन करती है और मजबूत प्रतिरक्षा प्रदान करती है।
Zydus Cadila द्वारा निर्मित जायकोव-डी वैक्सीन को DCGI ने आज शुक्रवार को मंजूरी दी है। वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज ऑथोराइजेशन मिलने के बाद इसकी 0, 28 और 56 दिन पर तीनों डोज दी जा सकती हैं। इस वैक्सीन पर अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल हुआ है, जिसमें करीब 28000 लोग शामिल हुए थे।
खास बात यह है कि ये इंजेक्शन मुक्त वैक्सीन है। ये फार्मा जेट इंजेक्शन फ्री सिस्टम के द्वारा दिया जाता है। इसे 2 से 8 डिग्री पर स्टोर किया जा सकता है. इससे पहले, Covishield, कोवैक्सीन, स्पूतनिक, Moderna और J and J को भारत में मंजूरी मिल चुकी है। इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद 12 साल से ऊपर के बच्चों के कोविड वैक्सीनेशन के रास्ते भी खुल गए हैं।