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अक्षय नहीं राजस्थान के 33 वर्षीय राजेश हैं रियल पैडमैन

आश्चर्य होगा कि राजस्थान के 33 वर्षीय राजेश हैं रियल पैडमैन
यहाँ से मिली प्रेरणा
एक साल पहले एक बार दूध बेचने निकले थे उन्होंने देखा कि स्कूल के गेट के पास दो बचियाँ बैठी थी उनमें से एक पेट पकड़ कर रो रही थी! बोली घर तक छोड़ दो भैया! हालत बहुत खराब हैं फिर मैं दूसरी लड़की के बोलने पर और खून से लथपथ कपड़े देखकर समझ गया । स्कूल की वर्दी नीले रंग की कमीज और सफेद रंग की सलवार जो पूरी तरह लाल ही नज़र आ रही थी। मैं अक्सर दुध बेचने जब गली-मौहल्लों में जाता था तो आस-आप गंदे कपड़े देखा करता था और कुछ लड़कियों को । मैंने उनसे बात करके जाना कि लड़कियां महीने में एक सप्ताह स्कूल नहीं जाती हैं जिसका कारण मासिकधर्म था और उनके पास पर्याप्त कपड़े बदलने के लिए भी नहीं होते थे न ही कपड़े धोने के लिए साबुन। ऐसे में सैनिटरी पैड खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। मैंने शुरू में कुछ महिलाओं को फ्री सेनिटरी पैड बांटने शुरू किए फिर देखा कि इस तरह की महिलाएं काफी संख्या में हैं जो सैनिटरी पैड दुकान से नहीं खरीद सकती हैं। फिर मैंने लोगों से फेसबुक पर मदद के लिए कहा और बहुत सारे लोग आगे आये इस मुहिम में मेरा साथ देने।

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फेसबुक के माध्यम से की मुहिम में अमेरिका कनाडा दुबई जैसे देशों के लोग भी मदद के लिए आये। सर्वप्रथम अलवर के पूर्व सांसद रामसिंह यादव के सुपुत्र निशांत यादव ने 1000 पैकेट बांटने के लिए दिए थे।

आजतक राजेश घर-घर जाकर 11560 के लगभग सेनेटरी पैड वांट चुका हैं। इसमें से 7000 पैकेट उनके एक मित्र जिन्होंने सेनेटरी पैड की फैक्ट्री खोली थी उन्होंने फ्री में दिए थे और बाकी के जन सहयोग से जुटाए। अब राजेश ने कच्ची बस्तियों और ईट भट्टों पर व सड़क पर काम करने वाली महिलाओं के लिए सेनेटरी पैड बांटने की मुहिम चला रखी है और सबसे फेसबुक के माध्यम से अपील करते आये हैं कि आप भी हमें सेनेटरी पैड भेजें ताकि जरूरतमन्दः महिलाओं तक पहुंचा
कर अपनी माताओं और बहनों के लिए एक स्वस्छ और सुखद जीवन दे सकें। उनके इन मुश्किल दिनों को आसान बना सकें और जानलेवा बीमारियों से बचा सकें।
गांव नाथवाना तहसील संगरिया जिला हनुमानगढ़ राजस्थान के रहने वाले राजेश कुमार सुथार गांव वालों से दुध लेकर आगे बेचते हैं इस तरह से अपना और अपना घर परिवार संभालने के साथ साथ जन सेवा करते हैं और वह कहते हैं कि सेनेटरी पैड महिलाओं और माता बहन बच्चों को देना हमारा एहसान नहीं है यह उनका कर्तव्य है।
राजेश सुथार ने यह सेनेटरी पैड के पैकेट अपने शहर के अलावा पंजाब और हरियाणा में गांव-गांव जाकर बस्तियों में भी बांटने का काम किया है और उनका कहना है यह आगे भी इस मुहिम को जारी रखेंगे।

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मुझे महिलाओं से जुड़े विषयों पर लिखना बेहद पसंद है। महिलाओं की ताकत, उनकी चुनौतियों और उनकी उपलब्धियों को उजागर करने में विश्वास करती हूँ। मेरे लेखन का उद्देश्य महिलाओं की आवाज़ को मजबूती से पेश करना और समाज में उनकी भूमिका को पहचान दिलाना है।

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