शिमला|
संत श्री रविदास धर्म सभा के प्रदेशाध्यक्ष करम कर्म चंद भाटिया एवं राज्य संयोजक हिमाचल एससी एसटी ओबीसी अन्य पिछड़ा महाशक्ति मोर्चा ने कहा है कि राज्य सरकार 2555 अस्थाई एस.एम.सी रखे जाने भर्ती मामले मे संविधान की धारा 309 व सर्वोच्च न्यायालय के माने गए आदेशों की सख्ती से पालना करे अन्यथा अवेहलना पर प्रदेश व्यापी आंदोलन भडक सकते हैं।
भाटिया ने सीएम जयराम भाजपा सरकार से आग्रह किया है कि एसएमसी मामले में सभी पात्र उम्मीदवारों को रोजगार के समान अवसर दिए जाने के साथ शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए 2555 अस्थाई शिक्षकों के स्थान पर स्थाई नियमित शिक्षक भेजे जाएं। सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा भी इन अस्थाई शिक्षकों के स्थान पर नियम 2009 के तहत नियमित शिक्षक भेजे जाने को कहा है । हिमाचल सरकार को स्मरण करवाते हुए कहा कि सरकान ने ही वर्ष 2009 में संविधान की धारा 309 के अनुसार भर्ती नियम बनाए थे जिनके अनुसार नियमित शिक्षकों की भर्ती या तो कमीशन से हो सकती है या बैचवाईज प्रक्रिया के तहत हो सकती है।
उन्होंने कहा कि तत्कालिन भाजपा सरकार के शासन मे पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल सरकार ने शिक्षको को स्टांप अरेंजमेंट करने के लिए 17/7/ 2012 को नोटिफिकेशन का जिक्र सर्वोच्च न्यायालय में अपने आदेशों में विशेष रूप से किया है तथा इसे सही माना है। दरअसल 17/7/ 2012 की नोटिफिकेशन एसएमसी पालिसी है।17/7/2012 की नोटिफिकेशन की क्लाज नंबर 9 कहती है कि जैसे ही नियमित शिक्षक S.M.C शिक्षकों के स्थान पर आएगा वैसे ही इस शिक्षक की सेवाएं अपने आप हो समाप्त हो जाएगी क्लाज नंबर 10 यह कहती है कि हर साल ताजा सिलेक्शन प्रोसेस होगा और पहले से तैनात s.m.c. शिक्षकों को किसी भी सूरत में आगामी शैक्षणिक सत्र के लिए सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा।
भाटिया ने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने पिछले विधानसभा सभा बजट सत्र में बयान दिया था कि 2555 एसएमसी की भर्तियां मात्र उद्देश्य पूर्ति के लिए थी। उन्होंने यह भी कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा इन शिक्षकों को नियमित करने को नहीं कहा है।
भाटिया ने राज्य सरकार को चेताते हुए आग्रह किया कि नियमानुसार 2555 नियमित शिक्षकों के स्थान पर नियमित शिक्षक भेजे जाएं और संविधान की धारा 309 के अनुसार प्रदेश के सभी पात्र उम्मीदवारों को रोजगार के समान अवसर मिल जाएंगे तथा शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए सहायता मिलेगी और संविधान की धारा 309 के अनुसार प्रदेश में सभी पात्र उम्मीदवारों को रोजगार के समान अवसर भी दिए जाएं नही तो संविधान व सर्वोच्च न्यायालय की अवेहलना अनदेखी पर प्रदेश व्यापी उग्र आंदोलन व कडा बिरोध होगा आंदोलन भडक सकते है ,आंदोलन जिसको लेकर सभी एकमत हैं। इसलिए सरकार कोई भी कदम उठाने से पूर्व इस मामले में सभी पहलुओं पर और तथ्यों को गंभीरता पूर्वक अध्ययन करने के बाद ही कोई कदम उठाएं अन्यथा परिणाम गंभीर हो सकते हैं।