अमित ठाकुर।
बद्दी में आये दिन मजदूरों के साथ किसी ना किसी कंपनी के द्वारा वेतन नां देनें का मामला आता ही रहता है – ऐसा ही एक मामला बद्दी में भटोलीकलां स्थित भन्डोरा ओर्गनीक कंपनी के द्वारा मजदूरों को कई माह से वेतन नां देनें का सामने आया है, यह कंपनी सेनिटाइजर, साबुन और हेन्डवाश इत्यादि प्रोडक्ट बनाती है ! भन्डोरा ओर्गनीक कंपनी के इन सभी मजदूरों का कहना है की यह सभी कई वर्षों से कंपनी में कार्यरत हैं लोक्डाउन के समय भी सभी मजदूरों ने भन्डोरा ओर्गनीक कंपनी में काम किया परंतु अभी तक औधोगिक प्रबंधन द्वारा उन्हें वेतन नहीं दिया गया है जिस वजह से यह सभी हड़ताल करने पर मजबूर हुए !
मजदूरों ने अपनी समस्या प्रजासत्ता से सांझा करते हुए कहा की इस समय नां तो उन्हें वेतन दिया जा रहा है और नां हीं कंपनी में काम करने दिया जा रहा है – इस समय कंपनी में दो अन्य ठेकेदारों के द्वारा दिए गए मजदूरों द्वारा कंपनी अपना काम चला रही है और उन्हें बाहर कर दिया गया है ! नाराज़ चल रहे मजदूरों ने बताया कंपनी ने एक ठेकेदार की भी कई महीनों की पेमेंट जो की लगभग पचीस लाख के क़रीब है वह भी नहीं दी है वह ठेकेदार और उसके सभी मज़दूर भी हर रोज़ कंपनी के चक्कर काट रहा है ! ठेकेदार यशपाल ने इस बाबत प्रजासत्ता को बताया की वह कई महीनों से वह अपनी जेब से मजदूरों को तनख्वाह दे रहा था परंतु इस माह वह पैसे ना होनें के कारण मजदूरों को तनख्वाह नहीं दे पाया और कंपनी से उसे लगभग पचीस लाख की पेमेट लेनी है जिसे कंपनी नहीं दे रही जिस कारण उसके मज़दूर हड़ताल पर बैठ गए है !
प्रजासत्ता से बात करते हुए नाराज़ मजूरों ने बताया की वह इस मुद्दे को बद्दी लेबर ऑफीसर के समक्ष भी रख चुके है और नालागढ़ एस डी एम को भी इसकी शिकायत दी जा चुकी है लेकिन अभी तक किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई है जिस कारण से सभी मज़दूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है मजदूरों ने कहा आज महीना भी ख़त्म होनें को है परंतु अभी तक वेतन नहीं दिया गया जिस कारण प्रवासी मजदूरों ने कई महीनों से अपने कमरे का किराया नहीं दिया है और नां ही राशन वालों के पैसे, मकान मालिक किराया नां देनें पर हर रोज़ कमरे से बाहर निकाले की धमकी देते है, सभी मजदूरों के पास इस समय राशन खरीदने के भी पैसे भी नहीं है !
भन्डोरा ओरगेनिक कंपनी के मजदूरों ने बताया की हिन्द मज़दूर सभा इनके हितों को लेकर आगे आई परंतु उन्हें भी अभी तक निराशा ही हाथ लगी है !
ठेकेदार व पिड़ित मजदूरों का कहना है यदी कंपनी द्वारा उनका वेतन ना दिया गया तो भूख हड़ताल और आमरण अनशन जैसा बड़ा आंदोलन किया जाएगा, मजदूरों ने यह भी कहा की सरकारी प्रशाशन व वर्तमान सरकार उनकी सहायता करे अन्यथा सरकार के समक्ष भी आंदोलन किया जाएगा और जयराम सरकार को इस आंदोलन का खामियाजा 2022 में आनें वाले विधानसभा चुनावों में देखने को मिलेगा !