अमित ठाकुर | परवाणू
परवाणू में विकास के नाम पर पिछले कई वर्षों से जनता अँधेरे में रखा जाता रहा है! आये वर्ष परवाणू में सेब सीजन के दौरान व्यापारियों,एपीएमसी, एचपीएमसी व अन्य विभागों की कमाई का सिलसिला भी शुरू हो जाता है| ऐसे में परवाणू के वातावरण को प्रदूषित करने वाले कारकों की तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता| परवाणू में विकास व स्वच्छता का गीत गाने वाली नगर परिषद भी आँख कान मूंद कर बैठी है|
कार्यवाही के नाम पर विभागों के पास सिवाय चालान के और कोई हल नहीं है और चालान भी मजबूरन बड़ा किया जाये तो भी इसमें केवल बागवानों का नुक्सान होता है| हैरानी की बात है की पिछले करीब 15 वर्षों से यह समस्या ज्यों की त्यों चली आ रही है और किसी भी विभाग के पास इसको आज तक कोई स्थायी हल नहीं निकाला गया है|
उच्चकोटि के अधिकारीयों व मंत्रियों के होते भी परवाणू की इस समस्या पर पूरे प्रदेश के हाथ लगभग खड़े हैं| इस समस्या के चलते स्थानीय लोगों को गंदगी व बदबू का सामना करना पड़ता है जिस बारे में उनकी कोई सुनवाई कहीं नहीं हो रही है| ऐसे में अपनी परेशानी सोशल मिडिया के सहारे सरकार तक पहुँचाने का प्रयास करते हैं ऐसे में उन पर पोस्ट हटाने का दबाव भी बनाया जाता है|
हालाँकि माननीय स्वाथ्य एवं कल्याण मंत्री अक्सर परवाणू के दौरे पर रहते हैं परन्तु शायद उन्हें उनकी लक्ज़री गाड़ी से बाहर कुछ नज़र नहीं आता व किसी प्रकार की बदबू उनकी गाड़ी के अंदर तक नहीं जाती| हालाँकि वीरवार को भी मंत्री जी एक कार्यक्रम के उपलक्ष में परवाणू दौरे पर थे जहाँ लोगों ने उन्हें अपनी समस्या बताई जिस पर एक बार फिर मंत्री जी की ओर से उन्हें हर बार की तरह पूर्ण आश्वासन दे दिया गया|
सड़क किनारे खड़े वाहनों का चालान किया जा रहा है साथ ही ट्रैफिक को सुचारु रखने के लिए अतिरिक्त पुलिसकर्मी भी तैनात किये गए हैं|
योगेश रोल्टा (डीएसपी परवाणू).
टर्मिनल मंडी में निर्माणकार्य के चलते सेब के लदान के लिए शहर में कोई स्थान नहीं है लिहाजा सड़क के किनारे खड़े वाहनों का चालान किया जाता है| इस समस्या से निपटने के लिए शहर से बाहर स्थान चिन्हित किये जा रहे हैं जल्द ही इन्हे स्थानांतरित कर दिया जायेगा|
ललित कुमार (कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद् परवाणू)