
नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक और विश्व चैंपियन का खिताब हासिल कर पहले व्यक्ति के रूप में भारत के लिए इतिहास रचाजीत के पल को बयां करते हुए नीरज चोपड़ा ने कहा, “मेरी आंखों से आंसू तो नहीं आए, मेरे अंकल और दोस्त थे वहां तो उनके आंसू छल्के। मुझे लगा की मैं इमोशनल हो जाऊंगा लेकिन, मेरे आंसू नहीं आए। आगे देखते हैं हालांकि मैं इमोशन थोड़ा सा कन्ट्रोल कर लेता हूं. ये उत्साह का मौका होता है और जोश बहुत ज्यादा होता है और इसलिए आंसू आ जाते है. आगे अच्छा थ्रो करूंगा और फिर सब साथ रोयेंगे।
खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा
हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव के नीरज चोपड़ा आज भारत के महानतम खिलाड़ियों की सूची में शामिल है। उनका खेल का सफर बेहद गौरवमई रहा है। नीरज चोपड़ा ने अपना वजन कम करने के लिए खेलना शुरू किया था मगर कोई नहीं जानता था कि ये लड़का इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कर लेगा और भारत को गौरव दिया है। नीरज चोपड़ा ने हर कदम पर नई विजयगाथा लिखी है।
दो वर्ष पहले टोक्यो ओलंपिक खेलों में ओलंपिक ट्रैक और फील्ड स्पर्धा में नीरज चोपड़ा ने महज 23 वर्ष की उम्र में पहला गोल्ड मेडल भारत को दिलाया था। पिछले दो साल में हर टूर्नामेंट में उन्होंने 86 मीटर से ऊपर का थ्रो फेंका है। पिछले साल जून में स्टॉकहोम डायमंड लीग में उन्होंने 89 . 94 मीटर का थ्रो फेंककर दूसरा स्थान हासिल किया था।