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कारोबारी मेहुल चौकसी को इंटरपोल से राहत

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PNB Scam: इंटरपोल ने हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) को हटा लिया है। रेड नोटिस लिस्ट से नाम हटाए जाने के बाद मेहुल चौकसी अब इंटरपोल के वांटेंड लोगों की सूची से हट गया है। बता दें कि मेहुल चौकसी भारत में 2 अरब अमेरिकी डॉलर के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी के मामले में वांटेंड है।

खबरों की मानें तो इंटरपोल ने RCN लिस्ट से चौकसी का नाम हटाते हुए उसके कथित अपहरण का जिक्र किया है। इंटरपोल ने कथित तौर पर कहा कि ऐसी संभावना है कि एंटीगुआ से डोमिनिका के आवेदक (मेहुल चौकसी) के अपहरण का अंतिम उद्देश्य उसे भारत भेजना था और चौकसी को भारत में निष्पक्ष सुनवाई नहीं मिल सकती है।

चौकसी के वकील ने क्या कहा?

मेहुल चौकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि कानूनी टीम के प्रयासों और मेरे मुवक्किल (मेहुल चौकसी) के अपहरण के दावे के कारण और अपहरण के इस प्रयास को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ओर से अनुमोदित नहीं होने के कारण, मेरे मुवक्किल के खिलाफ इंटरपोल की ओर से जारी रेड कॉर्नर नोटिस हटा दिया गया है।

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एंटीगुआ कोर्ट में दायर की थी याचिका 

रिपोर्टों के अनुसार, चौकसी ने हाल ही में एंटीगुआ की एक अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया गया था। याचिका में कहा गया है कि जून 2021 में दो भारतीय एजेंटों ने उन्हें एंटीगुआ से अगवा किया और जबरन डोमिनिका रिपब्लिक ले गए।

उधर, इंटरपोल की ओर से उठाए गए इस कदम पर भारतीय अधिकारियों की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। सूत्रों के मुताबिक, ये भारतीय एजेंसियों की ओर से मेहुल चौकसी को एंटीगुआ से प्रत्यर्पित करने और भारत लाने के प्रयासों को बड़ा झटका है। बता दें कि मेहुल चौकसी के पास एंटीगुआ की नागरिकता है, जो उसे 2018 में मिली थी, हालांकि उसका भारतीय पासपोर्ट अभी तक रद्द नहीं किया गया है।

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रेड कॉर्नर नोटिस से नाम हटने के बाद क्या?

RCN से नाम हटने के बाद मेहुल चौकसी को अब दुनिया भर में यात्रा करने की आज़ादी मिल गई है। बता दें कि इंटरपोल ने दिसंबर 2018 में मेहुल चौकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। मेहुल ने अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ कथित तौर पर 2 अरब अमेरिकी डॉलर की भारत की सबसे बड़ी बैंकिंग धोखाधड़ी की साजिश रची थी और वे दोनों फरार हैं।



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