नगर निगम शिमला का चुनाव कांग्रेस सरकार और सीएम सुक्खू के लिए पहली परीक्षा

प्रजासत्ता ब्यूरो|
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के नगर निगम के चुनाव 2 मई को होंगे, वहीं चुनाव के परिणाम 4 मई को आएंगे। चुनाव परिणाम क्या रहेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। लेकिन हाल ही में प्रदेश की सत्ता पर काबिज होने वाली कांग्रेस सरकार के लिए यह चुनाव पहली परीक्षा होगा। नगर निगम चुनाव की घोषणा के साथ ही प्रदेश का ध्यान अब नगर निगम चुनाव पर लग गया है।

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रतिभा सिंह पर कांग्रेस को शिमला शहर की सत्ता दिलाने का दबाव रहेगा। क्योंकि जिस भी दल को इन चुनाव में जीत मिलेगी, उसे 2024 के लोकसभा चुनाव में फायदा मिलना तय माना जा रहा है, क्योंकि नगर निगम चुनाव पार्टी सिंबल पर होने जा रहे है। यह चुनाव कांग्रेस सरकार की 100 दिन से अधिक की प्रफोमेंस परीक्षा होगी|

उल्लेखनीय है कि शिमला नगर निगम का पहला चुनाव 1986 में हुआ। तब से लेकर 2012 तकनगर निगम कांग्रेस का गढ़ रहा। इससे बाद 2012 से 2017 तक माकपा ने नगर निगम की सत्ता पर राज किया। इसके अलावा साल 2017 से 2022 तक नगर निगम शिमला पर भाजपा का कब्जा रहा है।

वहीँ इस बार भारतीय जनता पार्टी फिर से नगर निगम शिमला पर फिर से भगवा फहराने का प्रयास करेगी। भाजपा सुक्खू सरकार के खिलाफ लगभग चार महीने की एंटी इनकमबेंसी का फायदा उठाना चाहेगी। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस नगर निगम को अपने कब्जे में करके 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इसका फायदा लेने का मौका नहीं चूकना चाहेगी।

बता दें कि नगर निगम में शिमला शहरी, शिमला ग्रामीण और कसुम्प्टी विधानसभा क्षेत्र आते हैं। यह तीनों विधानसभा सीटें कांग्रेस की झोली में हैं। यही नहीं शिमला शहर में ज्यादातर लोग भी अपर शिमला के हैं। अपर शिमला की चौपाल सीट को छोड़कर अन्य 7 विधानसभा सीटें कांग्रेस की हैं।

सत्तारूढ़ कांग्रेस को नगर निगम चुनाव में सबसे बड़ा एडवांटेज शहर के तीनों विधायक अनिरुद्ध सिंह, विक्रमादित्य सिंह और हरीश जनारथा वहीँ रोहित ठाकुर के जीतने और इनमें से 3 के मंत्री होने तथा राज्य में कांग्रेस की सरकार के होने का है।

हालांकि नगर निगम शिमला की सत्ता भाजपा से छीनना कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण रहेगा, क्योंकि शहर की सत्ता से कांग्रेस भी 10 सालों से बाहर है। आगामी दिनों में कांग्रेस-भाजपा के अलावा अन्य दल भी नगर निगम चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाएंगे।

गौर हो कि नगर निगम शिमला के चुनाव करीब एक साल की देरी से हो रहे हैं। पूर्व नगर निगम का कार्यकाल जून 2022 में खत्म हो चुका है। यह चुनाव पिछले साल जून में होने थे, लेकिन मामला कोर्ट में होने की वजह से चुनाव करीब एक साल तक टल गए।

नगर निगम शिमला के चुनाव मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पहली अग्निपरीक्षा है। मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने के बाद वे पहली बार उन पर पार्टी को जीत दिलाने की चुनौती है। विधानसभा चुनाव में मिशन रिपीट से चुकी बीजेपी नगर निगम शिमला में मिशन रिपीट की कोशिश में जुट गई है।

Tek Raj
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