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मेडिकल ऑफिसरों की पेन डाउन स्ट्राइक से हिमाचल के अस्पतालों में चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं

हड़ताल

प्रजासत्ता|
पंजाब की तर्ज पर वेतनमान के लाभ और अपनी अन्य मांगो को लेकर प्रदेश में मेडिकल ऑफिसर 6 दिन से रोजाना 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक पर रहते हैं। इनकी हड़ताल के कारण मरीजों एवं तीमारदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बता दें कि डॉक्टर सुबह 9:30 से 11:30 बजे तक पेन डाउन स्ट्राइक पर रहते हैं। ऐसे में प्रदेश के कोने-कोने से बेहतर उपचार की उम्मीद में पहुंचते मरीजों को चिकित्सा संस्थानों में अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं।

वहीँ अगर सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जल्द डॉक्टरों की मांगों का समाधान निकालने को कह चुके हैं, लेकिन राज्य की अफसरशाही पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। आलम यह है कि 6 दिन की हड़ताल के बाद भी अफसर एसोसिएशन को बातचीत के लिए भी नहीं बुलाया गया है, जबकि डॉक्टरों ने 17 फरवरी तक 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक का ऐलान कर रखा है। इसके बाद डॉक्टर फुल-डे स्ट्राइक पर जा सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह पटरी से उतर जाएंगी।

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वहीँ मेडिकल अफसर एसोसिएशन का कि अभी तक उन्हें वार्ता के लिए नहीं बुला गया है। यदि उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गई तो 17 फरवरी से डॉक्टर अपने आंदोलन को तेज करेंगे। ऐसे में अगर डॉक्टर फुल-डे स्ट्राइक पर जाते हैं तो चरमराई स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह पटरी से उतर जाएंगी। क्योंकि दो घंटे की हड़ताल के कारण मरीजों एवं तीमारदारों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है अगर यह पूरा दिन की होगी फिर मरीज कहाँ जायेंगे।

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