NPS Gratuity Rules: पेंशन और पेंशनर्स कल्याण विभाग (DoPPW) ने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत ग्रेच्युटी की रकम और मिलिट्री सर्विस के लिए अलग से ग्रेच्युटी लेने को लेकर एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है। 26 दिसंबर 2025 को जारी किए गए ऑफिस मेमोरेंडम का मुख्य उद्देश्य यह साफ करना था कि क्या मिलिट्री सर्विस के दौरान ली गई ग्रेच्युटी, सिविल सेवाओं में फिर से नौकरी मिलने के बाद ग्रेच्युटी के हक पर असर डालती है।
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, DoPPW ने कुछ स्थितियों में बताया है कि सरकारी कर्मचारी को दोबारा नौकरी पर रखने के बाद उसे अलग से ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा। इस स्पष्टीकरण का मतलब यह है कि अगर आप पहले से ही ग्रेच्युटी ले चुके हैं (चाहे वह सैन्य सेवा से हो या किसी और सरकारी पद से), और फिर दोबारा सरकारी नौकरी में आते हैं, तो आपकी इस नई नौकरी के लिए अलग से ग्रेच्युटी नहीं दी जाएगी।
ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी पहले सुपरएनुएशन (अवकाश) ग्रेच्युटी, रिटायरिंग ग्रेच्युटी या अनिवार्य रिटायरमेंट ग्रेच्युटी पर रिटायर हुआ है, या उसे बर्खास्त या हटाए जाने पर अनुकंपा ग्रेच्युटी मिल रही है, और फिर उसे दोबारा सरकारी सेवा में नियुक्त किया जाता है, तो वह अपनी नई नौकरी की अवधि के लिए अलग से ग्रेच्युटी का हकदार नहीं होगा।
क्या है पहली शर्त
अगर किसी सरकारी कर्मचारी को पहले किसी ऑटोनॉमस बॉडी या पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (PSU) में नियुक्त किया गया था और फिर उस बॉडी या PSU की अनुमति से सरकारी सेवा में नियुक्त किया गया, तो उसे सरकारी सेवा के लिए ग्रेच्युटी मिलेगी। यह ग्रेच्युटी, उस सेवा के लिए मिले ग्रेच्युटी के अतिरिक्त होगी, जो उसने पहले ऑटोनॉमस बॉडी या PSU में की थी।
दूसरी शर्त में दिया गया यह तर्क
इस बात की भी शर्त है कि ऑटोनॉमस बॉडी या PSU और सरकारी सेवा में की गई कुल सेवा के लिए मिलने वाली ग्रेच्युटी की राशि, उस सीमा से अधिक नहीं हो सकती, जो सरकारी कर्मचारी को उसकी पूरी सेवा के दौरान सरकार से मिलने वाली उपलब्धियों को ध्यान में रखते हुए स्वीकार्य हो।
इस स्पष्टीकरण का मुख्य उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों को यह स्पष्ट करना है कि अगर उन्हें पहले से किसी अन्य सेवा के लिए ग्रेच्युटी मिल चुकी है, तो उन्हें दोबारा उसी सेवा के लिए अलग से ग्रेच्युटी का लाभ नहीं मिलेगा। यह बदलाव कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है, जो भविष्य में सरकारी सेवा में लौटने का विचार कर रहे हैं।












