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मानसून सत्र: विधानसभा अध्यक्ष बोले- महंगाई, बेरोजगारी, खस्ता सड़कों को लेकर पूछे गए ज्यादा सवाल

मानसून सत्र: विधानसभा अध्यक्ष बोले- महंगाई, बेरोजगारी, खस्ता सड़कों को लेकर पूछे गए ज्यादा सवाल

शिमला ब्यूरो|
हिमाचल की मौजूदा जयराम सरकार का आखिरी विधानसभा सत्र परसों यानी 10 अगस्त से शुरू हो रहा है। मानसून सत्र शुरू होने से 2 दिन पहले पत्रकारों से बात करते हुए विपिन सिंह परमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण के साथ-साथ मंकीपाक्स की दहशत है। ऐसे में सत्र में शामिल होने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह एहतियाती उपायों का पालन करें। उन्होंने कहा कि सचिवालय प्रशासन ने सत्र की तैयारियां कर ली है। उन्होंने कहा कि इस सत्र में कुल चार बैठकें होंगी। 11 अगस्त को प्राइवेट मेंबर डे तय है।

विपिन सिंह परमार ने जानकारी मानसून सत्र के दौरान कुल 367 प्रश्न पूछे जाएंगे। इनमें 228 तारांकित और 139 अतारांकित है। सभी सवाल विभिन्न विभागों को जवाब के लिए भेज दिए गए हैं। इसी तरह सदस्यों द्वारा विभिन्न विषयों पर चर्चा की भी मांग की गई है। उन्होंने कहा कि सदस्य ने ज्यादातर सवाल महंगाई, बेरोजगारी, सड़कों की स्थिति, युवाओं में नशे की बढ़ती लत, ओपीएस, पेयजल संकट ,विभिन्न विभागों में रिक्त पद सड़कों की खस्ताहाल सहित आम आदमी से जुड़े प्रश्न पूछे गए हैं।

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विधानसभा अध्यक्ष ने कल सर्वदलीय बैठक बुलाई है, जिसमें सभी सदस्यों से विधानसभा के सत्र के दौरान सार्थक चर्चा की मांग की जाएगी। हालांकि चुनावी साल में इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है। वहीँ दो निर्दलीय विधायकों के बीजेपी में शामिल होने को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा इसे लेकर वह परसों सत्र के दौरान जवाब देंगे और जल्द निर्णय लेंगे। अभी देखा जा रहा है उनके पास दी गई अर्जी याचिक है या शिकायत है।

उधर, सरकार में मंत्री और विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारियों के संबंध में पूछे गए एक सवाल के उत्तर में विपिन सिंह परमार ने कहा कि मैंने कभी जिम्मेदारी मांग कर नहीं ली है। मुझे संगठन की ओर से जो दायित्व दिया गया उसको निष्ठापूर्वक निभाया है। अध्यक्ष पद पर रहते हुए मैंने बहुत कुछ सीखा है।

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