Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को स्कूल कैडर में प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति करते समय आरक्षण रोस्टर का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। यह आदेश बिहारी लाल व अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य मामले में पारित किया गया।
मुख्य न्यायाधीशालय में न्यायमूर्ति संदीप शर्मा की अदालत ने स्पष्ट कहा कि पदोन्नति प्रक्रिया संविधान और आरक्षण नीति के अनुरूप होनी चाहिए। कोर्ट ने यह टिप्पणी याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर CWP No. 20669 of 2025 की सुनवाई के दौरान की।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता राजन काहोल ने अदालत में उपस्थिति दर्ज कराई और नोटिस की सेवा से छूट ली। अदालत ने राज्य सरकार को मामले में जवाब दाखिल करने के लिए आठ सप्ताह का समय प्रदान किया है।
इसके साथ ही कोर्ट ने CMP No. 32116 of 2025 को स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ताओं को चार सप्ताह के भीतर दस्तावेजों की अनुवादित प्रतियां दाखिल करने के निर्देश दिए और इस आवेदन का निपटारा कर दिया।
इस आदेश को शिक्षा विभाग में पदोन्नति की प्रक्रिया को पारदर्शी और नियमसम्मत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मामले की अगली सुनवाई के बाद राज्य सरकार की पदोन्नति नीति पर आगे की स्थिति स्पष्ट होगी।











