Himachal Pradesh AQI: हिमाचल प्रदेश में जहां इन दिनों रात का तापमान लगातार गिर रहा है, वहीं दूसरी ओर हवा की गुणवत्ता में आ रही गिरावट ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सर्दियों के मौसम में धूप निकलने के बावजूद, शाम ढलते ही तापमान में अचानक आने वाली गिरावट और बढ़ता प्रदूषण बुजुर्ओं, बच्चों और सांस के मरीजों के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।
राज्य का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 107 पर पहुंच गया है, जिसे ‘खराब’ श्रेणी में रखा गया है। हालात यह हैं कि पर्वतीय राज्य होने के बावजूद हिमाचल की हवा अब उतनी शुद्ध नहीं रह गई है, जितनी कभी हुआ करती थी।
बद्दी सबसे प्रदूषित, शिमला में भी बिगड़ी हालात
प्राप्त जानकारी के मुताबिक औद्योगिक इलाका बद्दी प्रदूषण में सबसे आगे है, जहां एक्यूआई 163 तक पहुंच गया है, जिसे ‘खराब से बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है। कुल्लू, मनाली और शामशी में AQI 62 ही रहा, जो मध्यम स्तर पर है और साँस लेने के लिहाज से अभी ठीक है। धर्मशाला में 147, जोगिंदरनगर में 158, सोलन में 142 और राजधानी शिमला में 116 एक्यूआई दर्ज किया गया है। शिमला का यह स्तर स्वास्थ्य के लिहाज से संवेदनशील लोगों के लिए ‘अस्वास्थ्यकर’ माना जा रहा है।
PM2.5 का खतरनाक स्तर, मास्क पहनने की सलाह
बद्दी और सोलन जैसे शहरों में PM2.5 के स्तर में खतरनाक बढ़ोतरी देखी गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्ओं और सांस के रोगियों को बाहर निकलते समय मास्क पहनने की सलाह दी है। हालांकि कुल्लू, मनाली और शामशी जैसे कुछ इलाकों में हवा की गुणवत्ता अभी ‘मध्यम’ श्रेणी में बनी हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार, रात के तापमान में गिरावट और हवा की रफ्तार कम होने के कारण प्रदूषक तत्व हवा में जमा हो रहे हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो रही है। ऐसे में लोगों को सलाह दी जा रही है कि वे सुबह-शाम के समय सैर के लिए न निकलें और आवश्यकता पड़ने पर ही घर से बाहर जाएं।










