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एमबीए आरडी पीएचडी एडमिशन में अनुसूचित जाति से सम्बंधित छात्रों के साथ हो रहा भेदभाव : एबीवीपी

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने आज दोपहर इकाई सचिव कमलेश ठाकुर की अगुवाई में अधिष्ठाता अध्ययन का घेराव किया गया | इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने विवि प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि विवि प्रशासन द्वारा अपने लाड़लों को पीएचडी में प्रवेश दिलवाने हेतु जिस प्रकार की धांधली की जा रही है उस को विद्यार्थी परिषद कतई सहन नहीं करेगी | इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने पूरे मामले को विस्तार से बताते हुए कहा कि एमबीए आरडी पीएचडी एंट्रेंस का रिजल्ट 12 मार्च 2022 को आया और इसकी मेरिट लिस्ट 24 मार्च 2022 को आई थी लेकिन आज लगभग 42 दिन बीत जाने के बाद भी उनका फीस भरने का पोर्टल आज दिन तक नहीं खोला गया | लेकिन पिछले कल प्रशासन द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी की गई जिसमें जिन विद्यार्थियों को पहली मेरिट लिस्ट में स्थान मिला था उन छात्रों को पिछले कल जारी की गई मेरिट लिस्ट में से बाहर निकाल दिया गया और उसमें अपने चहेतों को प्रवेश दे दिया | कमलेश ने कहा कि जो पहली लिस्ट प्रशासन द्वारा निकाली गई थी वो बिल्कुल दुरुस्त थी | उस लिस्ट में जो टॉपर छात्र थे वो SC केटेगरी से संबंध रखते थे, उनको विवि प्रशासन द्वारा जनरल ओपन केटेगरी में सीट में प्रवेश दिया गया था | अन्य SC केटेगरी के छात्र जिन्होंने यह एंट्रेंस क्वालीफाई किया था उन्हें SC केटेगरी में आरक्षित सीटों में प्रवेश दिया गया था | लेकिन पिछले कल प्रशासन द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन में SC वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के लिए क्वालीफाई छात्रों को उस लिस्ट से बाहर निकाला जाता है और SC केटेगरी से ही सम्बंधित जनरल ओपन में टॉपर छात्रों को उस SC केटेगरी में आरक्षित सीटों में प्रवेश दिया जाता है और जनरल ओपन में अपने चहेतों को धोखाधड़ी से प्रवेश दे दिया जाता है | कमलेश ने विवि प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएचडी फीस पोर्टल इतने दिन न खोलने के पीछे का एकमात्र कारण अपने चहेतों को पीएचडी में प्रवेश करवाने का था | कमलेश ने विवि प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद द्वारा पिछले महीने भी विवि प्रशासन को इस धांधली फीस पोर्टल खोलने में की जा रही लेट लतिफी कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी की ओर इशारा कर रही है. उन्होंने कहा कि इसमें हो रही देरी का एकमात्र कारण जो हाल फिलहाल में नज़र आ रहा है वो केवल मात्र एक विशेष छात्र संगठन के कार्यकर्त्ता को पीएचडी में एडमिशन करवाने का नज़र आ रहा है. विवि प्रशासन द्वारा अपने चहेतों का पीएचडी में एडमिशन करवाने के लिए आम छात्रों को तंग किया जा रहा है. कमलेश ने कहा कि आम छात्रों के साथ जो अन्याय विवि प्रशासन कर रहा है उसको विद्यार्थी परिषद बिलकुल भी सहन नहीं करेगी | उन्होंने विवि प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आने वाले 3 दिनों में यह फीस पोर्टल नहीं खोला गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी जिसके लिए केवल विवि प्रशासन जिम्मेवार रहेगा |

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने आज दोपहर इकाई सचिव कमलेश ठाकुर की अगुवाई में अधिष्ठाता अध्ययन का घेराव किया गया | इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने विवि प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि विवि प्रशासन द्वारा अपने लाड़लों को पीएचडी में प्रवेश दिलवाने हेतु जिस प्रकार की धांधली की जा रही है उस को विद्यार्थी परिषद कतई सहन नहीं करेगी |

इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने पूरे मामले को विस्तार से बताते हुए कहा कि एमबीए आरडी पीएचडी एंट्रेंस का रिजल्ट 12 मार्च 2022 को आया और इसकी मेरिट लिस्ट 24 मार्च 2022 को आई थी लेकिन आज लगभग 42 दिन बीत जाने के बाद भी उनका फीस भरने का पोर्टल आज दिन तक नहीं खोला गया | लेकिन पिछले कल प्रशासन द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी की गई जिसमें जिन विद्यार्थियों को पहली मेरिट लिस्ट में स्थान मिला था उन छात्रों को पिछले कल जारी की गई मेरिट लिस्ट में से बाहर निकाल दिया गया और उसमें अपने चहेतों को प्रवेश दे दिया |

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कमलेश ने कहा कि जो पहली लिस्ट प्रशासन द्वारा निकाली गई थी वो बिल्कुल दुरुस्त थी | उस लिस्ट में जो टॉपर छात्र थे वो SC केटेगरी से संबंध रखते थे, उनको विवि प्रशासन द्वारा जनरल ओपन केटेगरी में सीट में प्रवेश दिया गया था | अन्य SC केटेगरी के छात्र जिन्होंने यह एंट्रेंस क्वालीफाई किया था उन्हें SC केटेगरी में आरक्षित सीटों में प्रवेश दिया गया था | लेकिन पिछले कल प्रशासन द्वारा जारी की गई नोटिफिकेशन में SC वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के लिए क्वालीफाई छात्रों को उस लिस्ट से बाहर निकाला जाता है और SC केटेगरी से ही सम्बंधित जनरल ओपन में टॉपर छात्रों को उस SC केटेगरी में आरक्षित सीटों में प्रवेश दिया जाता है और जनरल ओपन में अपने चहेतों को धोखाधड़ी से प्रवेश दे दिया जाता है |

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कमलेश ने विवि प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएचडी फीस पोर्टल इतने दिन न खोलने के पीछे का एकमात्र कारण अपने चहेतों को पीएचडी में प्रवेश करवाने का था |

कमलेश ने विवि प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद द्वारा पिछले महीने भी विवि प्रशासन को इस धांधली फीस पोर्टल खोलने में की जा रही लेट लतिफी कहीं न कहीं कुछ गड़बड़ी की ओर इशारा कर रही है. उन्होंने कहा कि इसमें हो रही देरी का एकमात्र कारण जो हाल फिलहाल में नज़र आ रहा है वो केवल मात्र एक विशेष छात्र संगठन के कार्यकर्त्ता को पीएचडी में एडमिशन करवाने का नज़र आ रहा है. विवि प्रशासन द्वारा अपने चहेतों का पीएचडी में एडमिशन करवाने के लिए आम छात्रों को तंग किया जा रहा है. कमलेश ने कहा कि आम छात्रों के साथ जो अन्याय विवि प्रशासन कर रहा है उसको विद्यार्थी परिषद बिलकुल भी सहन नहीं करेगी |

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उन्होंने विवि प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आने वाले 3 दिनों में यह फीस पोर्टल नहीं खोला गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन करेगी जिसके लिए केवल विवि प्रशासन जिम्मेवार रहेगा |

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