प्रजासत्ता ब्यूरो|
नालागढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक लखविंदर राणा के भाजपा में जाने से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। लखविंदर राणा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने से नालागढ़ विधानसभा में नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं, क्योंकि लखविंदर के भाजपा जॉइन करने से कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों में उथल पुथल मचेगी।
वहीँ राणा के भाजपा में आने से पूर्व भाजपा विधायक के.एल. ठाकुर की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। जानकारों की माने तो राणा ने भाजपा भी चुनाव टिकट की शर्त पर जॉइन की है। ऐसे में भाजपा के लिए दुविधा यह खड़ी होगी कि चुनाव टिकट किसे दिया जाए। वहीँ राणा के भाजपा में जाने की वजह नालागढ़ क्षेत्र में हरदीप सिंह बावा की बढती सक्रियता और वीरभद्र परिवार द्वारा लगतार नज़र अंदाज करना माना जा रहा है।
हरदीप बावा पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट न मिलने पर नालागढ़ से निर्दलीय तौर पर लखविंदर राणा के खिलाफ लड़ चुके हैं। इस बार भी वे फिर से टिकट के दावेदार के रूप में सामने आए हैं। इसलिए बावा अपने आप को कांग्रेस टिकट का दावेदार मानते हुए लोगों के बीच भी जा रहे थे। पार्टी के कुछ बड़े नेताओं का बावा को मिल रहा संरक्षण भी राणा को नागवार गुजरा। क्योंकि राणा के विधानसभा क्षेत्र में बाबा हरदीप की सक्रियता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिवार और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के संपर्क में आने के बाद से ज्यादा तेज हुई और राणा की नजरअंदाजी जमकर हुई।
जिसका उधारण तब देखें को मिला जब कांग्रेस द्वारा शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह के नेतृत्व में निकाली कजा रही रोजगार यात्रा के दौरान नालागढ़ में राणा के लिए यात्रा प्रोग्राम को स्थगित कर दिया गया जबकि विक्रमादित्य सिंह ने गुपचुप तरीके से हरदीप बावा के घरपर बैठक कर दी जिसमे मौजूदा कांग्रेस विधायक राणा को दरकिनार कर दिया। इसी कारण राणा भाजपा के संपर्क में आए और आज पाला बदल लिया।